
आज के समय में, तकनीकी जगत में बहुत सारी नयी तकनीकों का उपयोग हो रहा है, जिनमें से एक है “ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी”। बहुत से लोग इस शब्द को सुनते हैं, लेकिन वे इसका वास्तविक मतलब नहीं समझ पाते हैं। इस लेख में, हम ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के क्या है, और यह कैसे काम करती है, इसके बारे में सरल शब्दों में चर्चा करेंगे।
ब्लॉकचेन क्या है?
ब्लॉकचेन एक तकनीकी प्रणाली है जिसे एक विशेष प्रकार के डेटा संग्रहण के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसका एक मुख्य उद्देश्य है डेटा की सुरक्षा और पूर्वीकरण करना है। ब्लॉकचेन की सबसे खास बात यह है कि इसमें डेटा को “ब्लॉक” में संग्रहित किया जाता है।
ब्लॉक क्या होता है?
ब्लॉक एक प्रकार का डेटा होता है जिसमें कई सारे लेखक हो सकते हैं। जब कोई नया डेटा ब्लॉक में जोड़ता है, तो वह ब्लॉक के अंत में एक खास तरह का पर्चा (लेबल) बनाता है, जिसे हम “हैश” कहते हैं। इस हैश का उपयोग ब्लॉक की पहचान करने के लिए किया जाता है।
ब्लॉकचेन कैसे काम करती है?
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का काम डेटा को सुरक्षित रूप से संग्रहित करने में होता है। जब कोई नया डेटा ब्लॉक में डालता है, तो वह ब्लॉक के अंत में एक नया हैश बनाता है। फिर इस हैश को पिछले ब्लॉक के हैश के साथ जोड़कर एक नया ब्लॉक बनाता है। इस प्रक्रिया को “संदर्भन जोड़” कहा जाता है। इसके बाद, नये ब्लॉक का हैश पिछले ब्लॉक के साथ भी जुड़ जाता है। इस प्रकार, सारे ब्लॉक्स एक साथ जुड़ जाते हैं, और एक बड़ा ब्लॉकचेन बन जाता है।
ब्लॉकचेन का उपयोग कहाँ होता है?
ब्लॉकचेन का उपयोग कई जगहों पर किया जाता है, लेकिन इसका सबसे प्रमुख उपयोग क्रिप्टोकरेंसी जैसे डिजिटल मुद्रा में होता है। क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल मुद्रा है जो इंटरनेट के माध्यम से विनिमय की जाती है। इसका सबसे प्रमुख उद्देश्य वित्तीय सौरक्षता और सुरक्षा की सुनिश्चित करना है।
ब्लॉकचेन का उपयोग क्रिप्टोकरेंसी में इसलिए किया जाता है क्योंकि यह डेटा को सुरक्षित रूप से संग्रहित करने में मदद करता है। हर ट्रांजैक्शन को एक ब्लॉक में संग्रहित किया जाता है, और हर ब्लॉक का हैश पिछले ब्लॉक के साथ जुड़ता है। इस प्रकार, हर ट्रांजैक्शन की पूरी इतिहास ब्लॉकचेन में उपलब्ध होता है, और यह बनाता है कि कोई भी बदलाव या धोखाधड़ी किसी भी स्तर पर नहीं की जा सकती है।
अन्य उपयोग: डिजिटल स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स
ब्लॉकचेन के अलावा, इसका उपयोग डिजिटल स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स में भी किया जाता है। स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स एक प्रकार के स्वायत्त और स्वायत्त कॉन्ट्रैक्ट होते हैं जो किसी विशिष्ट गतिविधि को स्वचालित रूप से पूरा कर सकते हैं।
यहां एक सरल उदाहरण देखें: एक व्यक्ति और एक व्यापारी के बीच एक स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट हो सकता है जिसमें यह तय हो कि जब व्यक्ति एक विशिष्ट मात्रा में पैसे भेजता है, तो उसको एक निश्चित राशि के टोकन मिल जाएंगे। ब्लॉकचेन के माध्यम से, इस स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट को स्थायी रूप से संचालित किया जा सकता है, और डेटा की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सकती है।
सुरक्षा कैसे होती है?
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की एक महत्वपूर्ण बात यह है कि इसका उपयोग डेटा की सुरक्षा के लिए होता है। हर ब्लॉक का हैश पिछले ब्लॉक के हैश के साथ जुड़ता है, और इसके बाद उसका हैश भी पिछले ब्लॉक के साथ जुड़ता है। इस प्रकार, ब्लॉक्चेन का हर ब्लॉक एक पिछले ब्लॉक के साथ जुड़ा होता है, और इसे बदलना किसी भी तरह से मुश्किल होता है।
अगर कोई व्यक्ति या संगठन डेटा में किसी भी प्रकार की बदलाव करने की कोशिश करता है, तो उन्हें सभी पिछले ब्लॉक्स को भी बदलना होता है,