आज है वट सावित्री व्रत, जाने क्यों करती है महिलाएं।

आज है वट सावित्री व्रत, जने क्यों करती है महिलाएं।

आज है वट सावित्री व्रत, जने क्यों करती है महिलाएं।: 19 मई 2023 को शुक्रवार है और इसी दिन वट सावित्री व्रत रखा गया है। वट सावित्री व्रत जेठ महीने में रखा जाता है। वट सावित्री व्रत में सुहागिन महिलाएं अपने पति के लंबी उम्र के लिए व्रत रखती है। इस दिन व्रत रखकर महिलाएं वटवृक्ष यानी बरगद के पेड़ की विधि विधान द्वारा पूजा करती हैं। बरगद के पेड़ की पूजा लंबी आयु, सुख- समृद्धि और कई तरीके के कला को नाश करने हेतु किया जाता है। आइए जानते हैं इसकी क्या महत्व है और इसे क्यों किया जाता है।

वट सावित्री व्रत का महत्व क्या है?

वट सावित्री व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति के लंबी उम्र और उनके सुखद जीवन के लिए करती है। ऐसा माना जाता है कि वट वृक्ष के नीचे है बैठकर सावित्री ने अपने पति सत्यवान को दोबारा जीवित किया था। कहां जाता है कि इसी दिन सावित्री ने अपने पति सत्यवान का जीवन यमराज से दोबारा मांग लिया था। और इसी के चलते सुहागिन महिलाएं अपने पति के लिए यह व्रत रखती है। इस व्रत में महिलाएं तीनों देवताओं से अपने पति की दीर्घायु का कामना करती है जिससे उनके पति का स्वस्थ अच्छा रहे।

वट सावित्री व्रत का पूजा विधि।

  • इस दिन व्रत रखने वाले महिलाओं को प्रातः सुबह उठकर स्नान करने के बाद लाल या पीले रंग का वस्त्र पहनना होता है।
  • इसके बाद आप सिंगार करके तैयार हो जाए और पूजा की सामग्री को एक स्थान पर करके अपनी पूजा की थाली सजा ले।
  • इसके बाद आपको किसी वट वृक्ष के नीचे जाकर सावित्री और सत्यवान की प्रतिमा स्थापित करना होगा।
  • फिर बरगद के वृक्ष की जड़ में जल अर्पित करें और साथ में पुष्प, भीगा चना, गुड़, मिठाई, अक्षत चढ़ाएं।
  • वट के वृक्ष पर सूत लपेटते हुए उनकी सात बार परिक्रमा करें और अंत में प्रणाम करके अपने परिक्रमा को पूर्ण करें।
  • परिक्रमा संपूर्ण होने के बाद अपने हाथ में चने को लेकर वट सावित्री की कथा पढ़े या सुने, और पूजा संपन्न होने के बाद ब्राह्मणों को फल और वस्त्र दान करें।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top