तील की खेती कैसे करें – की सम्पूर्ण जानकारी। 

तील की खेती कैसे करें, की सम्पूर्ण जानकारी। 

एक ऐसी फसल जिसे हम गर्मी के सीजन में लगा सकते हैं और जिसे ना ही ज्यादा खाद की जरूरत होती है। और तो और हम बहुत ही कम पानी में इसे ऊगा सकते हैं। यह फसल जो की है तिल की खेती। तिल के खेती पुरे भारतवर्ष में की जाती है और इसकी डिमांड बहुत है। क्यूंकि तिल का उपयोग हम खाने के साथ – साथ दैनिक जीवन में भी कई प्रोडक्ट उपयोग में लाते हैं। गर्मी के सीजन में तिल की खेती किसान भाइयों के लिए कितने फायदे का सौदा है जानेंगे इस लेख में आगे इसलिए इस लेख को अंत तक जरूर पढियेगा। 

दोस्तों हम इस लेख में एक एकड़ तील की खेती का सम्पूर्ण विश्लेषण इन 5 पॉइंट्स के आधार पर करेंगे। पहला लागत, दूसरा उत्पादन, तीसरा समय, चौथा आमदनी और पांचमा मुनाफा। इसके साथ ही इस लेख के अंत में जानेंगे की तील की खेती के लिए खाद प्रभंधन किस प्रकार करें। तो यह जानने के लिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़े। 

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एक एकड़ तील की खेती में कितनी लागत आती है?

तील की खेती कैसे करें, की सम्पूर्ण जानकारी। 

एक एकड़ तील की खेती के लिए अगर आप हाइब्रिड किस्म के बीज का चुनाव करते हैं। तो बीज की मात्रा लगेगी एक से ढेड़ किलो। हाइब्रिड किश्म जैसे वेस्टर्न कंपनी के बीज की वैरायटी आती है। इसके 500 ग्राम के पैकेट की कीमत 225 रूपये में मिलती है, और हमे कुल तीन पैकेट लगेगी। इस तरह हमारा एक एकड़ तील की खेती में बीज का खर्च आएगा 675 रुपया। 

तील के बीजो की बुवाई आप सामान्य छिडकन विधि से करें। उसके बाद खेती की तैयारी का खर्च आएगा 4000 रुपया। इसमें एक से दो बार गहरी जुताई और एक बार रोटावेटर का खर्च शामिल है। गेहूं और सरसो के फसल के अवसेस पूरी तरह से समाप्त करने के लिए आप अपने खेत में तील की बीजो की बुवाई करने से पहले एक बार रोटावेटर अवश्य चलाये। 

इससे गेहूं और सरसो के जो अवसेस बचते हैं वह पूरी तरह से ख़त्म हो जाते हैं और हमारी मिटटी में एक दम भूर भूरी हो जाती है। इसके बाद राशायनिक खर्च और उवर्रक का खर्च आएगा 1,800 रुपया। कौन सा खाद हमे कब डालना है यह हम जानेंगे प्रॉफिट निकालने के बाद। 

तील की फसल में झुलसा रोग, वाइट फ्लाई, उर्फ़ ट्रिप्स जैसे कीटो का अटैक देखने को मिलता है। इन कीटो के अटैक से हमारी फसल को बचाने के लिए हम फसल पर स्प्रे करते हैं, जिसका हमारा खर्च आएगा 850 रूपये। बीज बुवाई के बाद अगर आप खरपतवार नाशक दवा का उपयोग करते हैं तो इसका खर्च आयेग 650 रूपये। खरपतवार नाशक में आप Pendimethalin 30% EC का उपयोग कर सकते हैं। 

हार्वेस्टिन के लिए हमे लेबर की जरुरत लगेगी, जिसका हमे खर्च आएगा 2500 रूपये। उसके बाद खेत से मंडी तक जाने का ट्रांसपोर्ट चार्ज खर्च आएगा 500 रूपये। यह खर्च इस बात पर भी पूरी तरह से निर्भर करता है की आपके खेत से मंडी की दुरी कितनी है। इसके बाद छोटे – मोटे कामो के लिए हमारी लागत आएगी 1000 रूपये। इन सभी खर्च को जोड़ कर एक एकड़ तील की खेती की हमारी लागत का खर्च आएगी 11,975 रूपये। तील की खेती में आने वाली आपकी लागत 12000 से ल;लेकर 15000 रूपये की बिच में ही रहेगी। लागत के बाद आते हैं हम आप अपने दूसरे पॉइंट में 12000 से 15000 के बिच में ही रही लागात के बाद आते हमारे दूसरे पॉइंट उत्पादन पर। 

एक एकड़ तील की खेती से कितना उत्पादन होता है?

गर्मी के सीजन में लगाई की तील की फसल का उत्पादन बारिस की तुलना में लगाईं गई फसल की तुलना में हमे कम ही देखने को मिलता है। अगर आपने सही समय पर तील की बीजो की बुवाई की है, और आपने उचित मात्रा में खाद और उवर्रक दिए हैं, और आपने तील की फसल को रोग व् किट मुक्त रखे हैं तो एक एकड़ टिल की खेती से आप चार क्विंटल उत्पादन ले सकते हैं। 

इसलिए हम चार क्विंटल का उत्पादन लेते है, यानी की गर्मी के सीजन में एक एकड़ तील की खेती से हमारा उत्पादन हुआ चार क्विंटल। तील की फसल से अच्छा उत्पादन लेने के लिए आप उचित दुरी का विषेस ध्यान रखे।  लाइन से लाइन की दुरी 1.5 फ़ीट रखें। और आप एक पौधे से दूसरे पौधे की दुरी 0.5 फीट रखें। 

लागत उत्पादन के बाद अब आते हैं हम अपने तीसरे पॉइंट्स समय पर। आइये जानते हैं की तील की खेती का सही समय क्या है और तील की खेती की समय साइकिल कितनी है। 

एक एकड़ तिल की खेती में कितना समय लगता है?

तील की खेती आप खरीफ व् जैद सीजन में भी कर सकते हैं। गर्मी के सीजन में बीजो की बुवाई फरवरी महीने से लकीर 25 मार्च तक कर सकते हैं। जिन राज्यों में मानसून मई महीने के अंतिम सप्ताह में दश्तक देता है। वे राज्य के किसान भाई टिल के बीजो की बुवाई फरवरी के महीने में करें। 

और जिन राज्य में मानसून जुलाई के पहले हफताह या फिर जून के अंतिम सप्ताह में दश्तक देता है। इन राज्यों के किसान भाई तील की बीजो की बुवाई 25 मार्च के पहले – पहले करें। क्यूंकि तील की फसल 80 से 90 दिनों में तैयार हो जाती है। इस तरह तील की खेती का समय साइकिल तीन महीने की होती है। 

एक एकड़ तील की खेती से कितनी आमदनी होती है?

तील की खेती कैसे करें, की सम्पूर्ण जानकारी। 

लागत, उत्पादन, समय, और आमदनी के बाद हम आते हैं हमारे चौथे पॉइंट आमदनी पर। भारत सरकार द्वारा तील की फसल की एम् एस पी 2022 और 2023 में 7830 क्विंटल ली गयी। एम् एस पि यानी मिनियम सपोर्ट प्राइस पर किसान भाइयों को तील की फसल का भाव एम् एस पी से ज्यादा ही देखने को मिलता है। 

पर फिर भी हम तील का सपोर्ट का मिनिमम सपोर्ट प्राइस एम् एस पी का ही लेते हैं। हमारा उत्पादन हुआ था 4 क्विंटल और एक क्विंटल का भाव हमने 7,830 रुपया है इस तरह हमारी आमदनी हुई 31,320 रूपये। यानी की एक एकड़ तील की खेती से हमारी आमदनी हुई 31,320 रूपये। 

एक एकड़ तील की खेती में प्रॉफिट कितना होता है?

आमदनी निकालने के बाद आते हैं हम हमारे पाँचमे पॉइंट्स की प्रॉफिट कितना हुआ। प्रॉफिट निकालने के लिए हम सिंपल कुल आमदनी में से लागत को घटा देंगे। तो जो आकड़ा हमे मिलेगा वह हमारा प्रॉफिट रहेगा। हमारी आमदनी हुई थी 31,320 रूपये और हमारी लागत आयी थी 11,975 रूपये। इस तरह हमारा प्रॉफिट हुआ 19,345 रुपया। 

यानी की अगर आप गर्मी की खेती में तील की खेती लगाते हैं तो जहाँ पर आपका खेत खाली पड़ा रहता है वही पर तील की फसल लगाने पर आपको प्रति महीने 7000 रूपये प्रति महीने देखने को मिलता है। यानी की गर्मी के सासन में तील की की खेती किसान भाइयों के लिए एक फायदे का सौदा ही है। 

आइये अब जानते है की तील की खेती के लिए खाद प्रभंधक कीस तरह से करें। 

बेसल डोज में आप NPK123216 को 40kg प्रति एकड़ की दर से डालें, व् 5 kg दानेदार सल्फर का उपयोग करें। जब आपकी फसल 25 से 30 दिन की हो जाये, उस समय पर आज 40 kg UERA का खाद डालें। और जब आपकी फसल 40 से 45 दिन की हो जाए उस समय पर आप 25 से 30 kg आप UERA की खाद डालें। तील की फसल में हमे ज्यादा खाद डालने की जरूरत नहीं है। क्यूंकि तील की फसल प्राइमरी और सेकेंडरी नुट्रिएंट की आवश्यकता होती है। माइक्रो नुट्रिएंट में तील की फसल की कोई भी जरूरत नहीं होती है। इसलिए आप बहुत ही कम खाद में तील की फसल से अच्छा उत्पादन ले सकते हैं। 

तील की जिन तीन राज्यों में सबसे ज्यादा उत्पादन देखने को मिलता है वे तीन राज्य इस प्रकार है, गुजारत, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश। साथ ही आप तील की खेती बंजर भूमि और बहुत ही कम उपजाऊ भूमि में भी बड़ी आसानी से कर सकते हैं। तो गर्मी के सीजन में अपने खेत को खाली छोड़ने के बजाय आप तील की खेती अवश्य करें। क्यूंकि तील की खेती हम बहुत ही कम पानी में कर सकते हैं। इसलिए अगर आपके पास में सिचाई के पर्याप्त साधन नहीं है तब भी आप तील की खेती बड़े आसानी से कर सकते हैं। 

यानी की अभी जिन किसान भाइयो की सरसो और गेहूं की कटाई हुई है तो वे 25 मार्च के पहले – पहले तील की बीजो की बुवाई कर दें। और इस लेख में दी गयी जानकारी अगर आपको अच्छी लगी है तो इस लेख को ज्यादा से ज्यादा लोगो तक शेयर कीजिये और अगर आपको तील की खेती से सम्बंधित कोई भी सवाल हो तो आप कमेंट बॉक्स में अपना सवाल जरूर पूछें। 

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