
सेव एक ऐसा फल है, जिसको लोग बहुत खाना पसंद करते हैं। इस फल के खाने के कई फायदे होते हैं। आपको बता दें की सेव की खेती ज्यादतर नॉर्थेर्न स्टेट्स जैसे जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तरखंड इत्यादि जगह पर की जाती है। ये वो राज्य है जो भारत में सेव की सबसे ज्यादा उत्पादन करता है। किसान भाई सेव की खेती कर के इससे बहुत अच्छा ख़ासा मुनाफा कमा सकते है। आइये इस लेख में हम लोग जानते हैं की कैसे किसान भाई सेव की खेती कैसे कर सकते हैं।
सेव की खेती से जुडी महत्वपूर्ण जानकारी।
पहाड़ी इलाके सेव की खेती के लिए बहुत ही अच्छी होती है। आपको बता दें की सेव की खेती विंटर का मौसम सबसे अच्छा होता है। भारत में सेव की कई तरह की वैरायटी होती है। जैसे लाल सेव, गोल्डन सेव, छोटे सेव इत्यादि। सेव एक ऐसा फल है जिसकी डिमांड हमेसा से रहती है। सेव की खेती आप नर्सरीज के द्वारा कर सकते हैं। सेव की खेती रौ में की जाती है। सेव की खेती के लिए सामान्य सूर्य की रौशनी भी बहुत जरुरी होती है।
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सेव की खेती किस प्रकार से करना चाहिए?
सेव की खेती में शुरुवात के समय में सेव के छोटे पौधे को देखभाल करना बहुत जरुरी होता है। सेव की फल में यह सबसे महत्वपूर्ण होता है की किस समय फल को पेड़ से निकालना होता है। सेव का फल को पेड़ से अलग उसके रंग के आधार पर की जाती है।
सेव की खेती की अगर तापमान की बात की जाए तो इसकी तापमान 13 डिग्री सेल्सियस से लेकर 24 डिग्री सेल्सियस रहना चाहिए। वही अगर मिटटी की पिएच की मान की बात की जाए तो इसका मिटटी का पीएच मान 6.0 से लेकर 7.0 रहना चाहिए। ऐसे में जिन भी किसान भाई के पास ज्यादा बड़ी मात्रा में जमीन यानी बगीचा है उन्हें सेव की खेती करने के बारे में जरूर से विचार करना चाहिए।
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