
सोयाबीन की फसल पककर तैयार खेत में खड़ी है और कटाई का समय नजदीक है। सोयाबीन की कटाई के बाद किसान अक्सर इस असमंजस में रहते हैं कि सोयाबीन के बाद कौन सी फसल की बुवाई कर गेहूं की फसल लगाएं। दोस्तों अगर आप भी यह सोच में हैं की आने वाले समय में कौन सा फसल लगाए और सोच रहे हैं की सरसों की फसल लगाएं या चना की फसल लगाएं या मसूर की फसल लगाएं।
सरसो का मिनिमम सपोर्ट प्राइस क्या है?
तो दोस्तों हम आपको बता दें की अगर हम पिछले कुछ सालों का आकड़ा उठाकर देखें तो सरसों की फसल किसान भाईयों के लिए सबसे ज्यादा फायदे का सौदा रही है। इसका मुख्य कारण यह है कि किसान भाईयों को सरसों का मंडी तो एमएसपी मिनिमम सपोर्ट प्राइस से भी ज्यादा मिला है।
जहां सरसों की एमएसपी पाँच हज़ार रूपये प्रति क्विंटल है। वहां पर किसान भाईयो सरसों का मंडी में थोक भाव 6000 रूपए, ₹7,000 और हाईएस्ट ₹8,000 क्विंटल के आसपास मिला है। इसलिए सरसों की फसल एक अच्छा सौदा है। किसान भाईयों के लिए अब सरसों की फसल हम ज्यादा से ज्यादा उत्पादन किस तरह से ले सकते है वे हम इस लेख के माध्यम से जानेंगे।
सरसों की खेती किसान भाइयो के लिए एक बहुत ही अच्छे फायदे का सौदा।
रसों की खेती, भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में बड़े स्तर पर होती है। उनमें से यूक्रेन, सरसों का बड़ा उत्पादक देश है। पर यूक्रेन के हालत देखते हुए यह लगता है की वे ज्यादा उत्पादन ना कर सके तो दोस्तों यह हो सकता है कि 2023 में सरसों का किसान भाईयों को भाव इस साल से भी ज्यादा हो तो बिना समय नष्ट किए आप सरसो की खेती अवश्य करें।
सरसों की खेती आप उच्च जीवाश्म वाली हर तरह की मिट्टी में कर सकते हैं। मिट्टी के पीएच मान 5 से 7 के बीच में होना चाहिए। ज्यादातर किसान सरसों की खेती डीडी सिस्टम के माध्यम से करते हैं। इसलिए आप सरसों की खेती में जल निकासी की उचित व्यवस्था जरूर रखिये।
अब बात करते हैं कि सरसों के बीजों की बुवाई का सबसे उपयुक्त समय कौन सा है।
दोस्तों आप सरसों के बीजों की बुवाई 15 सितंबर से लेकर 15 अक्टूबर तक कर सकते हैं। सिंचित क्षेत्रों में आप सरसों के बीजों की बुवाई 30 अक्टूबर तक कर सकते हैं। हाँ, सरसों की फसल के कुछे की किस्मों की बुवाई नवंबर के फर्स्ट और सेकंड तक हम कर सकते हैं। पर अगर हम बात करें सबसे उपयुक्त समय की तो सरसों के बीजों की बुवाई का सबसे उपयुक्त समय अक्टूबर का फर्स्ट और सेकंड सप्ताह है।
अब आपके मन में सवाल होगा कि हम प्रति एकड़ इस वेराइटी से कितना उत्पादन देखने को मिलता है तो आपको प्रति एकड़ 12 से 14 क्विंटल उत्पादन देखने को मिल सकता है। अब आपके मन में यह सवाल जरुर आया होगा कि हम इस वेराइटी को अपने राज्य में लगा सकते हैं या नहीं। तो दोस्तों सरसो की खेती की वैरायटी महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा। इसके अलावा उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ और तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में कर सकते हैं। दोस्तों आपको बता दें की एक एकड़ सरसो की खेती से हमे 6 क्विंटल से लेकर 8 क्विंटल तक उत्पादन देखने को मिलता है।