
सहजन की खेती भारत के अधिकतर राज्यों में किसान भाई सफलता पूर्वक कर रहे हैं। इसका कारण यह है कि सहजन का पौधा हाई टेम्परेचर से लेकर लोवर टेम्परेचर कंडीशन में अपने आप को सरवाइव कर लेता है। इस कारण इसे ठीक स्वभाव का पौधा भी कहते। सहजन के पौधे को ज्यादा कम बारिश से फर्क नहीं पड़ता और कोई नुकसान भी नहीं होता है। सहजन की खेती जिन राज्यों में बड़े स्तर पर होती है, वे इस प्रकार तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश, राजस्थान है।
सहजन की खेती कैसे करें?
भारत के कुल उत्पादन का 80 पर्सेंट उत्पादन सिर्फ तमिलनाडु राज्य से होता है। आप सबसे पहले सहजन के पौधे की नर्सरी तैयार करें। इसके लिए आप बरसात के पहले सहजन के बीज को जमीन में बो दें। जब आपका सहजन का फूल एक से डेढ़ माह का हो या उसके बाद आप खेत में सहजन के पौधे का ट्रांसप्लांट कर दें। आप लाइन से लाइन की दूरी 12 फीट और पौधे से पौधे की दूरी 5 फिट रख सकते हैं।
सहजन की खेती में ध्यान देने वाली बाते।
दोस्तों आपको बता दे की सहजन की खेती में सब खर्च को जोड़ कर एक एकड़ सहजन की खेती की लागत लगभग 32 हज़ार रूपये आती है। दोस्तों एक एकड़ में हमारे 700 पौधे लगते हैँ व हमारे 20 पर्सेंट के हिसाब से पौधे मर जाते हैं। इस तरह हमें थोड़ा कम स्वस्थ पौधे मिलेंगे। दोस्तों आपको बता दे की सहजन का पौधा हमें साल में दो बार उत्पादन देता है।
सहजन की खेती से कितना उत्पादन होता है?
व एक सहजन के पौधे से हमें 15 किलो का उत्पादन मिलता है। इस तरह हमारा एक एकड़ सहजन की खेती से तक़रीबन 125 क्विंटल उत्पादन होता है। दोस्तों आपको बता दे की सहजन के पौधे की हर वर्ष फरवरी और मार्च महीने में करना अच्छा होता है क्यूंकि इस समय हमें अच्छा मंडी भाव मिलता है। दोस्तों आपको बता दे की एक एकड़ सहजन की खेती से हमें तक़रीबन ₹1,50,000 की आमदनी होती है।
सहजन की खेती से दूसरे साल में कितना आमदनी होता है?
दूसरे साल से हमारा उत्पादन फिर होगा जो की मिनिमम 100 कुंतल का उत्पादन मिलता है। और दोस्तों एक कुन्तल में 100 किलो होता है और हमने एक किलो का मंडी तो ठोक भाव इस समय 20 रु किलो मिलता है। तो इस तरह हमें दूसरे साल सहजन के बोरे से आमदनी मिलेगी ₹2 लाख रूपये। दोस्तों इस तरह आप दो सालों तक आपको दो से ढाई लाख रूपये के आस पास सहजन की खेती से आमदनी मिल जायेगी।