
पिछले कुछ सालों से हमें प्याज की फसल का मंडी रेट तो हमें कम ही देखने को मिल रहा है, ऐसे में हमारे पास सिर्फ एक ही विकल्प बचता है कि हम प्याज की फसल जितना हो सके उतना अच्छा उत्पादन करें, क्योंकि मंडी में मिलने वाले भाव पर तो हमारा कोई भी कंट्रोल नहीं है लेकिन प्याज की फसल से मिलने वाले उत्पादन तो बड़ा ही सकते हैं। फिर भाव मिलना या ना मिलना हमारी किस्मत।
प्याज की फसल से मिलने वाले उत्पादन की हम किस तरह से बढ़ा सकते हैं वो हम लोग इस लेख में जानेंगे, इसलिए अगर आप प्याज की खेती करना चाह रहे हैँ और जानना चाहते हैं की कैसे प्याज की खेती कर के ज्यादा से ज्यादा उत्पादन कर सके तो इस लेख को अंत तक पूरा पढ़ियेगा।
किसान भाई स्वागत है आपका हमारे वेबसाइट पर आज हम लोग इस लेख के माध्यम से जानेंगे की प्याज की फसल से मिलने वाले उत्पादन हम किस तरह से बढ़ा सकते और प्याज की फसल मिलने वाली आमदनी हम किस तरह से 3 गुना तक कर सकते हैं।
क्योंकि हमें अभी प्याज का मंडी ठोक भाव कम मिल रहा है इसलिए हमें अपने परंपरागत तरीके को छोड़ कर प्याज की फसल की खेती को नए तरीके से करना होगा। अब हमें यह किस तरह से करना हैं यह हम जानेंगे आगे इस लेख में।
प्याज की खेती करने का सही समय क्या है?
प्याज की फसल से अच्छा उत्पादन लेने के लिए सबसे जरूरी की आप प्याज के पौधों की ट्रांसप्लांट सही समय पर करें। प्याज की खेती आप खरीफ और रबी इन दोनों ही सीजन में कर सकते हैं।
खरीफ के सीजन प्याज की नर्सरी तैयार करने का सबसे उपयुक्त समय है मई- जून और 10 जुलाई। आप खरीब के सीजन में प्याज की नर्सरी तैयार कर सकते हैं। और रवि के सीजन में प्याज की नर्सरी लगाने का सबसे उपयुक्त अक्टूबर-नवंबर दिसंबर का महीना है। प्याज की नर्सरी 45 दिनों में ट्रांसप्लांटिंग के लिए तैयार हो जाती है।
हमने दिसंबर के महीने में प्याज की नर्सरी लगाई थी पूरा जनवरी के आसपास हमने प्याज के पौधों का ट्रांसप्लांट किया। अभी भी बहुत से किसान भाई छोड़कर विधि की सहायता से प्याज की खेती करते हैं जीस कारण से उन्हें उचित दूरी नहीं मिलती है। और इस कारण उनका उत्पादन कम देखने को मिलता है।
अगर आप प्याज की खेती से उचित उत्पादन लेना चाहते तो पहले आप सही समय पर प्याज की नर्सरी तैयार करें, प्याज की नर्सरी तैयार होने के बाद आप उचित डिस्टेंस लेकर प्याज के पौधों का ट्रांसलेट करें।
अब सवाल आता हैं की प्याज के पौधों का ट्रांसप्लांट करने के लिए हमें दूरी कितना रखना है। जैसा कि आप देख सकते हैं कि हमें प्याज की एक लाइन से दूसरे लाइन के बीच की दूरी 4 से 5 इंच रखना है। और प्याज के 1 पौधे से दूसरे पौधे के बीच की दूरी हमें 4 से 5 इंची ही रखना है। इस तरह से आप प्याज के पौधों का ट्रांसफर करें।
सही समय और ट्रांसप्लांटिंग के बाद आपको प्याज की फसल का अच्छा उत्पादन लेने के लिए आपको उचित किस्म के बीजों का चुनाव करना होगा।
प्याज की बीजो की टॉप 5 किस्म इस प्रकार है।
Pune Fursungi Jindal
- फसल अवधि – 100-120 दिन।
- एक एकड़ उत्पादन क्षमता – 100 क़्वींटल।
- भंडारण क्षमता – 8-9 महीने।
Nashik RED N-53 JINDAL
- फसल अवधि – 90-100 दिन।
- एक एकड़ उत्पादन क्षमता – 100 क़्वींटल।
- भंडारण क्षमता – 3-4 महीने।
PANCHGANGA PUNE FURSUNGI
- फसल अवधि – 100 दिन।
- भंडारण क्षमता – 6-8 महीने।
KALASH BSS-441
- फसल अवधि – 100-115 दिन।
- एक एकड़ उत्पादन क्षमता – 60-80 क़्वींटल।
ELLORA GULABI
- फसल अवधि – 120-130 दिन।
- भंडारण क्षमता – 7-8 महीने।
प्याज की फसल से उत्पादन कितना होता है?

प्याज की फसल से अच्छा उत्पादन लेने के लिए आप खेत में खरपतवारों का विशेष ध्यान रखें। हमें प्याज की फ़सल में दो से तीन बार निंदाई गुड़ाई कराना पड़ती है। जिसमे हमारा काफी ज्यादा खर्च आता है और इस खर्च को कम करने के लिए आप मल्चिंग पेपर की सहायता से प्याज की खेती कर सकते हैं। या फिर आप गेहूँ या धान की फराई को मलचिंग की तरफ उपयोग करके निंदाई और गुढ़ाई में आने वाली अपनी लागत को कम कर सकते हैँ।
जब हम गेहूँ और धान की फराई मल्चिंग की तरह उपयोग में करते हैं। तो इससे हमारी प्याज की फसल में मिलने वाला उत्पादन ज्यादा देखने को मिलता है। क्यूंकि गेहूँ और धान की फराई खरपतवार को नियंत्रित करती है इसका कारण है जब हम खेत में गेहूं और धान की फराई को डालते हैं तो जमीन पूरी तरह से ढक जाती है और इसके कारन खेत में मौजूद खरपतवार को हवा पानी और सूर्य का प्रकाश नहीं मिल पाता है जिस कारण वह कुछ दिन बाद ही मर जाते हैं।
और हमारा खेत खरपतवार मुक्त हो जाता है। साथ ही साथ मालचिंग करने से खेत में नमी बनी रहती तो हमारे पानी की भी बचत हो जाती है। इस तरह से मल्चिंग करने से हमारा उत्पादन भी बढ़ता है और हमारी निंदाई और गुढ़ाई करने में जो लेबर का खर्च आता है वह खर्च नहीं आता है।
खरीफ के सीजन में खरपतवार अटैक ज्यादा देखने को मिलता है क्योंकि बारिश का सीजन चलता रहता है। इसलिए जब आप खरीफ के सीजन में प्याज की खेती करें। तो आप अपने खेत में मल्चिंग अवश्य करें रवि के सीजन में आप बिना मशीन की सहायता से प्याज की फसल लगा सकते हैं।
इसके साथ प्याज की फसल से मिलने वाले उत्पादन को बढ़ाने के लिए आप रासायनिक खाद की जगह जैविक खाद का उपयोग करें। जैसे सड़ी हुई गोबर की खाल, इस तरह से आप जब अपने खेत में सड़ी हुई गोबर की खाद डालेंगे तो आपको प्याज के कंधे की साइज ज्यादा देखने को मिलेगी। आप रासायनिक तथा जैविक इन दोनों तरह के खादों का उपयोग करें। इससे आप का उत्पादन काफी ज्यादा बढ़ेगा।
प्याज की खेती से सम्बंधित महत्वपूर्ण बातें।
खाद प्रबंधन के बाद आप अपनी प्याज की फसल के कीट व रोग मुक्त रखें। किट व रोग मुक्त रखने के लिए हमें समय-समय पर प्याज की फसल में स्प्रे करना होगा। अब प्याज की फसल में स्प्रे किस तरह से करें और कौन-कौन से स्प्रे करने इस पर अगर आप डिटेल में एक लेख चाहते चाहते हैँ तो हमें कमेंट सेक्शन में जरूर बताये। हम आपके लिए यह लेख जरूर लाएंगे।
प्याज की फसल से मिलने वाली आमदनी पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करती है कि हमें प्याज का मंडी ठोक भाव क्या देखने को मिल रहा है। और अभी पिछले कुछ सालो से ज्यादातर किसान भाइयों को प्याज की फसल का मंडी ठोक भाव कम ही देखने को मिलता है।
इसलिए हमारे पास में एक विकल्प और रहता है कि हम प्याज की फसल के साथ अन्य फसलों की इंटरक्रॉपिंग करके प्याज की फसल पर मिलने वाली आमदनी 2 से 3 गुना तक बढ़ा सके।
प्याज की फसलों के साथ इन्टरक्रोप्पिंग।

अब सवाल आता है हम प्याज की फसलों के साथ किन किन फसलों का इंटरक्क्रॉपिंग कर सकते हैं। तो आप प्याज की फसल के साथ में मिर्च की सफल इंटरक्रोपिंग कर सकते हैं। अब जानते हैं कि प्याज की फसल के साथ में मिर्च की सफल इंटरक्रॉपिंग को किस तरह से करें।
आप ज़ब मिर्च की खेती के साथ में प्याज की इंटरक्रॉपिंग करें तो इस बात का विशेष ध्यान रखें। की प्यास के पौधे से पौधे की दूरी 20 इंच व रो से रो की दूरी भी 20 इंची ही रखें। इसके साथ ही हम प्याज की खेती के साथ में पपीता की इंटरक्रोपिंग कर सकते हैं।
मिर्च और पपीता के फसल के अलावा प्याज की फसल के साथ में टमाटर, फूलगोभी, पत्तगोभी, धनिया इत्यादि इनका भी इंटरक्रॉपिंग कर सकते हैं। इन सभी तरीकों के माध्यम से आप प्याज की फसल से मिलने वाले उत्पादन को बढ़ा सकते है।
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अगर आपके पास प्याज की खेती से जुड़ी कोई भी सवाल हैं तो आप हमें कमेंट कर के जरूर बताये हम सभी कमेंट का जवाब देते हैँ। तब तक हमारा यह लेख पढ़ने के लिए आपका बहुत – बहुत धन्यवाद दोस्तों, जय जवान जय किसान।