
पीएम स्व निधि योजना का लाभ क्या है?: इस वक्त की अपडेट पीएम स्व निधि योजना से जुड़ी है। आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने हाल ही में पीएम स्व निधि यानी प्रधान मंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना के आंकड़ों को जारी किया है। इन आंकड़ों के अनुसार देश में योजना के लाभार्थियों की कुल संख्या 36.33 लाख है। इनमें से 21.31 लाख पुरुष हैं और 15.02 लाख महिलाएं हैं। मंत्रालय के अनुसार स्ट्रीट वेंडर्स के लिए शुरू की गई सरकार की इस ऋण योजना के लाभार्थियों में लगभग 41% महिलाएं हैं। पीएम स्व निधि योजना में अन्य लिंग श्रेणी के 219 लाभार्थी भी शामिल हैं।
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार योजना का लाभ लेने वालों में दक्षिण और पूर्वोत्तर भारत के राज्य उत्तर के राज्यों की तुलना में बहुत बेहतर हैं। दक्षिण और पूर्वोत्तर के राज्यों में अधिक महिलाओं ने इस ऋण योजना का लाभ उठाया है। मंत्रालय के अनुसार इन राज्यों में महिला लाभार्थियों की संख्या का पुरुषों की तुलना में अधिक होना उस क्षेत्र के सामाजिक ताने बाने का परिणाम है। उदाहरण के लिए पूर्वोत्तर भारत के मातृसत्तात्मक समाजों में महिला लाभार्थियों की संख्या अधिक है जहां सबसे छोटी बेटी को संपत्ति विरासत में मिलती है और महिलाएं अधिकांश उद्यमों का संचालन करती हैं।
गौरतलब हो कि आंकड़ों के अनुसार मणिपुर में 94%, नागालैंड में 88%, मेघालय में 70% और अरुणाचल प्रदेश में पीएम निधि योजना के लाभार्थियों में 75% महिलाएं हैं। हालांकि नैशनल एसोसिएशन ऑफ स्ट्रीट वेंडर्स ऑफ इंडिया के अनुसार इस योजना में कुछ राज्यों में पुरुषों की तुलना में महिला लाभार्थी अधिक थे। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि संबंधित राज्यों में महिला रेहड़ी पटरी वालों की संख्या अधिक है। उदाहरण के लिए गुजरात और महाराष्ट्र में बड़ी संख्या में स्ट्रीट वेंडर लाभार्थी हैं, लेकिन इन लाभार्थियों में महिलाएं क्रमशः 42% और 41% हैं।
आपको ज्ञात होना चाहिए कि प्रधान मंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना या पीएम स्वनिधि को जून 2020 में शुरू किया गया था। यह एक केंद्रीय क्षेत्र की योजना है। इसका उद्देश्य कोविंद महामारी के कारण प्रभावित स्ट्रीट वेंडर्स को माइक्रो क्रेडिट सुविधाएं प्रदान करना है। हाल ही में इस योजना को तीन साल भी पूरे हुए हैं।