
दोस्तो, इस धरती पर कई तरह की चीजें पाई जाती हैं जैसे सोना, चांदी, हीरा ये सब आपको धरती में से खोद के निकालने पर ही मिलते हैं। पर दोस्तो आपको पता है कि मोती को कैसे निकाला जाता है। जी हां दोस्तो, वही गोल गोल चीज। इस मोती को हम अंग्रेजी में पर्ल के नाम से बुलाते हैं। तो दोस्तो आज के इस लेख में हम जानेंगे कि पर्ल यानी मोती कैसे पाया जाता है। तो अंत तक बने रहिये हमारे साथ। आज इस लेख में आपको कुछ नया जानने को मिलेगा।
मोती किसकी द्वारा बनायीं जाती है?
दोस्तो मोती पत्थर की तरह ही मजबूत होता है और पत्थर से बहुत अलग होता है। इसलिए मोती का दाम 300 डॉलर से लेकर 1200 डॉलर तक जाता है जो कि हर व्यक्ति नहीं खरीदता था पर एक मजबूत और चमकीली चीज है जोकि पानी में रहने वाली ओएस्टर के द्वारा बनाई जाती है। यह मोती कैल्शियम कार्बोनेट की बनी होती है इसलिए यह बहुत ही मजबूत होती है। फल को ज्यादातर जूलरी में ही इस्तेमाल किया जाता है और उसके शेल को दवाइयों के काम में इस्तेमाल किया जाता है।
मोती की खेती कैसे की जाती है?
तो दोस्तो, चलिए जानते हैं कि पर्ल की कल्टीवेशन कैसे की जाती है। दोस्तों कल्टीवेशन की शुरुआत पर्ल ऑयस्टर को बनाने से ही होती है। मार्च के महीने में कुछ स्पर्म और एग्स को कलेक्ट कर लिया जाता है जिसके बाद उसको एक टैंक में आर्टिफीशियल फर्टिलाइज किया जाता है। जिसके कुछ समय बाद लार्वा बनने लगते हैं और फिर वह उधर लगे हुए प्लास्टिक मैश पर 20 दिन के अंदर अंदर चिपक जाते हैं। जिसके बाद उनको दिन में 2 से 3 बार खाना खिलाया जाता है। उसी के साथ साथ पानी पर भी ध्यान दिया जाता है।
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