मिर्च की खेती कब और कैसे करें की सम्पूर्ण जानकरी।

दोस्तों गर्मी का सीजन आ चूका है और अगर गर्मी के सीजन में हम अच्छा आमदनी लेना चाहते हैं तो यानी की हमे अभी फरवरी के महीने से तैयारी करना होगा। हमें फरवरी के महीने में पता होना चाहिए की गर्मी के सीजन में हमे किस फसल का अच्छा मंडी थोक भाव मिलेगा। ताकि हम फरवरी के इस महीने से ही उस फसल की तैयारी में लग जाए। वैसे गर्मी के सीजन में सब्जी वर्गी फषलों का भाव अच्छा मिलता है। और इन्ही में से एक फसल है मिर्च की फसल। 

गर्मी के सीजन में मिर्च की खेती किस तरह से करें, जानेंगे इस लेख में आगे। नमस्कार किसान भाइयों स्वागगत है आपका एक बार फिर से हमारे वेबसाइट किसान के मदद के लिए में। हम इस लेख के माध्यम से जानेंगे की गर्मी के सीजन में मिर्च की खेती करने का सही तरिका क्या है। जिसके माध्यम से हम ना सिर्फ गर्मी के सीजन बल्कि बरसात के सीजन में भी मिर्च के फसल से उतपादन ले सकते हैं। अब यह तरिका क्या है जानेंगे इस लेख में आगे। तो बिना समय नष्ट किये आते हैं हम हमारे पहले पॉइंट पर। 

गर्मी के सीजन में मिर्च की नर्सरी लगाने का सही समय और तरिका क्या है?

गर्मी के सीजन में मिर्च की फसल से उत्पादन लेने के लईए आप मिर्च की नर्सरी 15 फरवरी से 15 मार्च के बिच में लगाए। यहाँ गर्मी के सीजन में मिर्च की नर्सरी लगाने का सबसे उयपुक्त समय है। आप प्रोटेम कॉकपिट के माध्यम से मिर्च की नर्सरी तैयार करें। 

इसके लिए आप सबसे पहले प्रोट्रेम कॉकपिट के मिश्रण से कुछ इस तरह भर ले। फिर आधा इंच से भी कम हॉल करके इन होल के बिच में आप मिर्च के बीज को डाल दे। उसके बाद आप ऊपर से कॉकपिट का मिश्रण डाल दें। कुछ इस तरह से जैसा की आप इस फोटो में देख सकते हैं। 

बाद में आप इन प्रोर्टेम कॉकपिट को किसी सुरक्षित स्थान पर रख दें और फिर इनके ऊपर ताड डाल कर स्प्रे पंप की सहायता से आप इन पर सिंचाई कर दें। 5 से 6 दिन के अंदर मिर्च के बीज का जर्मिनेशन हो जाएंगे। और 25 से 30 दिनों के बाद आप मिर्च के पौधे का ट्रांसप्लांट आप खेत में कर सकते हैं। अब सवाल आता है की किस तरह से ट्रांसप्लांट करना है तो इसके लिए आते हैं हमारे दूसरे पॉइंट पर। 

मिर्च के पौधे के ट्रांसप्लांट करने की उचित विधि क्या है?

मिर्च के एक बीएड से दूसरे बेड की बिच की दुरी आप 3 फिट रखे। और एक पौधे से दूसरे पौधे के बिच की दुरी आप ढेड़ फिट रख सकते हैं। आप मल्चिंग पेपर का उपयोग अवश्य करे मिर्च की खेती में। आप 25 माइक्रोन के मल्चिंग पेपर का उपयोग कर सकते हैं। 

गर्मी के सीजन में जब हम मिर्च के पौधे का ट्रांसप्लांट करते हैं। तो हमारे 15 से 30 परसेंट मिर्च के पौधे डंपिंग के सहायता से मर जाते हैं। अब ऐसा इसलिए होता है क्यूंकि गर्मी के सीजन में मिटटी के अंदर से जो गर्म हवाएं आती है। इन गर्म हवाओ के कारन हमे डंपिंग की समस्या देखने को मिलती है। जिस कारन से हमारे मिर्च के पौधे ट्रांस्प्लाण्डिंग के बाद मर जाते हैं। आइये अब जानते हैं की इन्हे हम किस तरह बचा सकते हैं। 

डंपिंग के समस्या से बचने के लिए आप जिस खेत में मिर्च के पौधो का ट्रांसप्लांट करने वाले हैं। उस खेत में ट्रांस्प्लाण्डिंग के एक हफ्ते पहले एक दिन छोड़ कर तीन बार सिंचाई करें। उदाहरण के लिए अगर आप पहली सिंचाई सोमवार को करते हैं। तो दूसरी बार सिंचाई बुधवार को करें। और तीसरी बार सिंचाई शुक्रवार को करें। 

इस तरह से आप मिर्च के पौधे के ट्रांसप्लांट करने से एक हफ्ते पहले मिटटी की सिंचाई करते हैं तो मिटटी में मौजूद गर्म हवाएं निकल जायेगी और हमारे मिर्च के पौधे के डंपिंग नहीं होगी। इस तरह से हमारे मिर्च के पौधे स्वस्थ रहेंगे। और हमे किसी तरह पौधो का नुकशान नहीं होगा। 

आइये अब जानते है की गर्मी के सीजन में मिर्च के पौधे के ऊपर कौन – कौन से रोग लगते हैं। और इनके क्या उपाय है। 

वैसे तो मिर्च के फसल के ऊपर कई सारे रोगों का अटैक देखने को मिलता है। और इन रोगों का अगर हम समय पर निवारण नहीं करें तो इसका सीधा असर हमारे उत्पादन पर पड़ता है। मिर्च के फसल में कुछ रोज जो की विशेष कर लगते हैं Early और Late Blight, Leaf Curl  Virus, Mosaic Virus और बैक्टीरिया इन्फेक्शन जैसे रोग लगते हैं। इन रोगो से हमारी फसल को बचाने के लिए आप HM Organic – Virofin की दवा का उपयोग कर सकते हैं। 

विरोफिन का उपयोग किस तरह से करें आइये अब हम वह जानते हैं। विरोफिन पूरी तरह से आर्गेनिक होता है विरोफिन बैक्टीरिया को मारती है और वायरस के ग्रोथ को रोकती है। वायरस जनित रोगो से फसल को बचाने के लिए विरोफिन बहुत ही अच्छी दवा है। विरोफिन दवा का इस्तेमाल आप प्रिवेंटिव एक्शन के लिए भी और क्यूरेटिव एक्शन के लिए भी कर सकते हैं। 

यानी की अगर आप चाहते हैं की आपके फसल पर रोगो का अटैक ही ना हो तो आप प्रिवेंटिव एक्शन के लिए विरोफिन का उपयोग करें, इसमें आप पहला स्प्रे बीज बुवाई 25 दिन के बाद करें। और पहले स्प्रे में 15 से 20 दिन के अन्तराल पर आप स्प्रे करते हैं।  

और अगर आपके फसल पर रोगो का अटैक हो गया है। तो आप विरोफिन का उपयोग क्यूरेटिव एक्शन में कर सकते हैं। इसमें आप पहले स्प्रे का 12 से 15 दिन के अन्तराल पर करते रहे। अब जानते हैं की विरोफिन का स्प्रे करते समय इसकी कितनी मात्रा लगेगी पैर एकड़। 

आपको पर एकड़ 100 ml विरोफिन दवा लगेगी। आप 80 लीटर पानी में 100 ml विरोफिन मिलाकर प्रति एकड़ के हिसाब से आप अपनी फसल पर स्पार कर लें। ध्यान रहे की स्प्रे शाम और सूबह के समय पे करना है। और स्प्रे करने के 24 घंटे तक आपको और कोई दवा का स्प्रे नहीं करना है। आप विरोफिन का उपयोग मिर्च, टमाटर, पपीता, बैंगन, भिंडी और अन्य सब्जी वर्गी फसलों के लिए कर सकते हैं। विरोफिन को आप अमेज़न, फ्लिपकार्ट, एग्रीबेगरी प्लेटफार्म से मंगा सकते हैं। 

जैसा की आप इस फोटो में देख रहे हैं की हमने तीन दिन पहले विरोफिन के दवा का स्प्रे किया था। मिर्च के कुछ पौधे लीफ कर्ल वायरस और ट्रिप के अटैक से ग्रसित थें और इनकी ग्रोथ भी नहीं हो रही थी। दवा डालने के पहले यह मिर्च का पौधा है – 

जिसे आप देख सकते हैं और साथ ही आप स्प्रे के डालने के तीन दीन के बाद भी आप इसकी हालत को देख सकते यहीं की कितनी अच्छी है। और इसमें लीफ कर्ल वायरस कण्ट्रोल में आ गया है। और इसमें अब कोई भी वायरस मिलना बंद हो गया है। साथ ही पौधे में नयी शाखाएं आ गयी है। 

आइये अब जानते हैं की मिर्च के फसल के लिए हम कौन से बीज का चुनाव करें। 

मिर्च के मुख्यता दो प्रकार होते हैं – पहला होता है डार्क ग्रीन जिसका रंग डार्क ग्रीन कलर का होता है। और इसका टेस्ट अत्यधिक तीखा होता है। इसके पौधे की ऊंचाई 3 से 4 फिट तक जाती है। और फल 8 से 10 सेंटीमीटर तक लम्बे होते हैं। 

इसकी पहली हार्वेस्ट 55 से 60 दिन के अंतराल पर देखने को मिलती है। डार्क वैरायटी के कुछ उन्नत बीज इस प्रकार है – पहला mahyco navtej दूसरा US Agriseeds तीसरा Advanta Golden Seed उसके बाद हम बात करते हैं मिर्च के दूसरे प्रकार के बारे में जसका नाम है लाइट ग्रीन। 

इसका टेस्ट काम तीखा होता है और इसका फल का हाइट 12 से 14 सेंटी मीटर तक जाती है। इसके कुछ उन्नत बीज इस प्रकार है – 332 SONAL, VNR 332, और Seminis Sitara Gold अगर आपके एरिया में लाइट ग्रीन का डिमांड ज्यादा है तो आप लाइट ग्रीन के बीजो का चुनाव करें और अगर आपके एरिया में डार्क ग्रीन वैरायटी की डिमांड ज्यादा है तो आप डार्क ग्रीन के बीजो का चुनाव करें। तो इसलिए वैरायटी का चुनाव यह देख कर करें की आपके एरिया में लाइट ग्रीन का डिमांड अच्छा है या डार्क ग्रीन का डिमांड अच्छा है। यह पता करने के लिए आप अपने नजदीक के मंडी में जा सकते हैं। 

जब हमारी मिर्च की फसल फ्लॉवरिंग के स्टेज पर आती है तब फूल झड़ने की समस्या देखने को मिलती है, फूल का झड़ने का समस्या कई कारण से हो सकते हैं। जैसे की एक कारण यह हो सकता है की आपके एरिया का वातारवरण मिर्च की फसल के लिए अनुकूल के लिए नही है। या तो आपके एरिया का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से कम है या फिर 37 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा है। या फिर आपके एरिया के हुमूडिटी 65% से कम है। या फिर 85% से ज्यादा है। 

इस कंडीशन में मिर्च के फसल के फूल झड़ते हैं। दुसरा कारण हो सकता है की आप असंतुलित मात्रा में खाद व् उवर्रक दिए। या सिंचाई में जरूर से ज्यादा किये या फिर कम किये। इसके अलावा रस चूसक कीटो के अटैक के कारण फूल झड़ते हैं और एक कारण यहाँ भी हो सकते हैं की आपके फील्ड पर परागण करने वाली कीटो की कमी है। अब तो तापमान को तो हम कण्ट्रोल नहीं कर सकते हैं। इसलिए हमारे हाथ में यह है की हम सही समय पर मिर्च की खेती करें। मिटटी की जाँच कराये और उच्चित मात्रा में खाद उवर्रक और सिंचाई करें। 

इसके आलावा पारगण करने के लिए आप मिर्च की फसल के साथ में गेंदे की इन्टरक्रोप्पिंग कर सकते हैं। इसमें आपको ना सिर्फ गेंदे की फसल से एक्सट्रा आमदनी मिलेगी जबकि आपके फील्ड में परागण करने वाले कीटो की संखया भी बढ़ेगी। और गेंदे की फसल मिर्च के फसल में लगने वाले कई सारी कीटो से बचाती है। 

दोस्तों अगर आपको मिर्च के फसल से सम्बंधित कोई भी सवाल है तो आप हमे कमेंट कर के जरूर पूछिए ताकि हम आपकी मदद कर सकें। हम हर कमेंट का जवाब देते हैं। दोस्तों यह आर्टिकल को अपने किसान भाइयो के साथ में जरूर से शेयर कीजिये और अगर आपको मिर्च की खेती का अनुभव है तो अपना अनुभव हमारे साथ जरूर साझा कीजिये। हमारा यह लेख पढ़ने के लिए आपका बहुत – बहुत धन्यवाद। 

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