मकई की खेती कैसे करें – जानिये सम्पूर्ण जानकारी। 

मकई की खेती कैसे करें

मकई भारत की सबसे पसंदीदा सब्जी और अनाज है। मकई को पूरी दुनिया में अनाज की रानी भी कहा जाता है।  भारत में मकई तीसरी सबसे अच्छी कमाई करने वाली अंनाज है। भारत में मकई हर साल अलग – अलग राज्य में कई सारे फायदे के लिए उगाये जाते है। 

आज के इस लेख में हम आपको मकई की खेती कैसे की जाए और आप इससे कितना फायदा कमा सकते हैं के बारे में तमाम जानकारी देंगे। जिसमे हमलोग आपको मकई की खेती की प्रक्रिया से लेकर मकई को बाजार में बेच कर कितना कमाई होगा की सारे बाते को विस्तारपूर्वक बताएँगे, इसलिए इस लेख को अंत तक पढ़िएगा। 

मक्का की खेती को पूरी दुनिया में बड़े स्तर पर करते हैं, भारत मक्का के उत्पादन में पूरी दुनिया में चौथे स्थान पर आता है। 

भारत के इन पाँच राज्य में मक्का का सबसे ज्यादा उत्पादन होता है, जो की इस प्रकार है – 

  1. कर्नाटक
  2. मध्यप्रदेश
  3. केरला
  4. तेलंगालना
  5. तामिलनाडु

दोस्तों इन पाँच राज्यों में सबसे ज्यादा मक्का का उत्पादन होता है। 

इस लेख में हम एक एकड़ मक्का की खेती का सम्पूर्ण विश्लेषण विश्लेषण इन पाँच पॉइंट्स के आधार पर करेंगे। 

  1. मक्का की खेती में लागत कितना लगता है।
  2. मक्का की खेती से उत्पादन कितना होता है। 
  3. मक्का की खेती में समय कितना लगता है।
  4. मक्का की खेती में आमदनी कितनी है। 
  5. मक्का की खेती से फायदा कितना होगा। 

मक्का के मुख्यता छः प्रकार के होते हैं। 

  1. पहला जो हमारी सामान्य मक्का होती है, जिसे दाना मक्का या देशी मक्का भी कहा जाता है। 
  2. दूसरा पॉपकॉर्न वाली मक्का। 
  3. तीसरा ग्रीन कोब वाली मक्का। 
  4. चौथा स्वीट कॉर्न वाली मक्का। 
  5. पाँचमा बेबी कॉर्न वाली मक्का। 
  6. छठा चारा के प्रयोग की जाने वाली मक्का। 

हम इस लेख में सामान्य दानी मक्का जो होती है उसका सम्पूर्ण विश्लेषण करेंगे। क्यूंकि भारत के ज्यादातर किसान भाई इसी मक्का की खेती करते हैं, और भारत में सबसे जायदा इसी मक्का को लोग इस्तेमाल करते हैं।

एक एकड़ मक्का की खेती में कितनी लागत आती है?

एक एकड़ मक्का की खेती में बीज की मात्रा लगता है चार से पाँच किलो। हालाँकि यह चीज़ इस पर भी निर्भर करता है की आप रौ से रौ की दुरी और बीज से बीज की दुरी कितना रखते हैं। अगर आप रौ से रौ की दुरी 2.5 फ़ीट रखते हैं और बीज से बीज की दुरी एक फिट रखते हैं तो आपके बीज की मात्रा पाँच किलो की आस पास लगेगी। 

अगर आप छिड़कन विधि का उपयोग करते हैं तो निश्चित है की बीज की मात्रा पाँच किलो स जायदा लगेगी। फिर आपको कुछ पौधो को उखाड़ना पड़ेगा दुरी बनाने के लिए। आप सिड्रिल के माध्यम से भी मक्का के बीजो की बुआई कर सकते है।  पर अगर आप हाथों की माध्यम से मक्का की बुआई करेंगे और दुरी को बनाये रखेंगे तो आपको पाँच किलो बीज से ज्यादा नहीं लगेगी।  

एक किलो मक्का की बीज की कीमत 300 रूपये के आस पास आती है। हालंकि वैराइटी के अनुसार कीमत में थोड़ा उतार चढ़ाव हो सकता है। तो उस हिसाब से हमें एक एकड़ में मक्का की खेती के लिए पाँच पैकेट मक्का की बीज की जरुरत होगी जिसकी कीमत 1500 रूपये होगी। उसके बाद खेती की तैयारी में, यानि जुताई खुदाई सफाई इत्यादि का खर्च 2500 रूपये आएगी। रासायनिक खाद व् उवर्रक का खर्च आएगा 1900 रूपये।  

बीज बुआई के 15 से 20 दिन के बाद पहले बार खाद दे व् जब आपको फसल 35 से 40 दिन की हो जाए तब आप दूसरी बार खाद दे। इसके अलावा आपको मक्का की खेती में खाद देने की आवयश्कता नहीं है। क्यूंकि हमे मक्का की खेती कम से कम लागत में करना है। 

हमारी फसल पर इल्ली जैसे कीटों का अटैक देखने को मिलता है जिसके लिए हमे स्प्रे करना पड़ता है, जिसका हमे खर्च आएगा 600 रुपया। मक्का के बीज के बुआई के 20 दिनों के बाद आप खरपतवार नाशक डालिये। जिसका खर्च आएगा 1700 रूपये।  उसके बाद मक्का को खेत से मंडी तक ले जाने का खर्च आएगा 1500 रूपये। 

इन सब खर्च को जोड़कर एक एकड़ मक्का की खेती में कुल लागत आएगी 9,700 रूपये। हमने इसमें मजदुर का खर्च को नहीं जोड़ा है क्यूंकि मक्का की खेती को हमे कम से कम लागत में करना है। हालाँकि आप अपने हिसाब से मजदुर का खर्च को जोड़ सकते है। 

इसलिए अगर आप अपने घर परिवार के साथ मिल कर मक्का की खेती कर ले तो आपको अच्छी प्रॉफिट होगी और आपकी आमदनी अच्छी खासी हो जायेगी। मक्का की खेती घर के सदस्य मिल कर बड़े ही आसानी से कर सकते हैं। लागत के बाद हम आते हैं हम अपने दूसरे पॉइंट उत्पादन पर। 

एक एकड़ मक्का की खेती में हमे कितना उत्पादन मिलता है?

मक्का की खेती में हमारा उत्पादन इस बात पर निर्भर करता है की हम किस किस्म के बीजो का चुनाव करते हैं। हमारी मिट्टी की उपजाऊ छमता कैसी है, और हमने किस समय बीजो की बुआई की। अगर आप सही किस्म की बीजो की चुनाव करते हैं, खेती की उत्पादन छमता अच्छी है व् आपने सही समय पर मक्का की बीजो की बुआई की है, तो एक एकड़ से आपको न्यूनतम 25 क्विटल और अधिकतम 35 क्विंटल तक उत्पादन हो सकता है। 

पर हम न्यूनतम 25 क्विंटल उत्पादन लेते हैं, यानी की एक एकड़ मक्का की खेती से हमारा उत्पादन हुआ 25 क्विंटल। 

सही किस्म बीजो की चुनाव करने के बाद, आप मिटटी की उपजाऊ छमता को बढ़ाने के लिए मक्का की खेती के पहले, उस फसल की खेती करें, जो की मिटटी में नाइट्रोजन की उत्पादता को बढ़ाती है, जैसे की दलहनी की फैसले, मुंग और सोयाबीन। 

आइये अब हम लोग बात करते हैं मक्का की खेती करने का सही समय क्या है। यह जान्ने के लिए हम आते है हमारे तीसरे पॉइंट पर। 

मक्का के बीजो की बुवाई का सही समय क्या है और मक्का की खेती की समय साइकिल क्तिनी है?

मकई की खेती कैसे करें, जानिए सम्पूर्ण जानकरी। 

  

मक्का की खेती हम लोग तीनो सीजन रबी, खरीफ और जैद में कर सकते हैं। 

जैद की सीजन में मक्का के बीजो की बुवाई का सही समय है फरवरी और मार्च महीना। 

खरीफ के सीजन में मक्का के बीजो की बुवाई का सही समय है 15 जून से जुलाई महीना। 

रबी के सीजन में आप अक्टूबर व् नवंबर महीने में मक्का के बीजो की बुवाई कर सकते हैं। 

भारत के अधिकतर किसान भाई खरीफ के सीजन में ही मक्का की बुवाई करते हैं। आप किस सीजन में मक्का की खेती करते है आप हमे कमेंट कर के जरूर बताइयेगा। 

मक्का की खेती की समय साईकिल इस बात पर निर्भर करती है की हम किस किस्म के बीजो का चुनाव करते हैं। अगर आप 75 दिनों में तैयार होने वाली किस्मो की चुनाव करते हैं जैसे की जवाहर 8. विवेक 8017 तो आपके मक्का की खेती की समय साइकिल होगी 2 महीने 15 दिन। 

अगर आप 85 दिन में तैयार होने वाली किस्मो का चुनाव करते हैं जवाहर वक्ता 12, बी एच एम् 107 तो आपके मक्का की खेती की समय साइकिल होगी 2 महीने 25 दिन। इस तरह से मक्का की खेती की समय साइकिल इस बात पर निर्भर करती है की हम किस किस्म की बीजो का चुनाव करते हैं। आप उस किस्म की बीज का चुनाव करते जो की 3 से साढ़े तीन महीने में तैयार हो जाती है। 

बीज बुआई के पहले आप बीज उपचार अवश्य कर ले। आप बीज उपचार के लिए एक – एक के अनुपात में बाविस्टिन व् क़प्तान को दो ग्राम प्रति किलो ग्राम की दर से लेकर बीजो की उपचारित कर लें। 

दोस्तों लागत, उत्पादन, समय के बाद अब हम लोग आते हैं चौथे पॉइंट पर जो की है आमदनी। 

एक एकड़ मक्का की खेती से कितनी आमदनी होती है?

मकई की खेती कैसे करें, जानिए सम्पूर्ण जानकरी। 

मक्का की एम् एस पि भारत सरकार द्वारा पहले ही तय की गयी है, एम् एस पि का मतलब होता है मिनिमम सपोर्ट प्राइस जो की एक क्विंटल पर आपको 1870 रुपये। 

फसल 2021-22 के लिए MSP (प्रति क्विंटल)MSP में बढ़ोतरी (निवल)
धान (सामान्य)1940 रूपये 72 
धान (ग्रेड ए)1960 रूपये 72 
ज्वार (हाइब्रिड)2738 रूपये 118 
ज्वार (मालदंडी)2758 रूपये 118 
बाजरा 2250 रूपये 100 
मक्का 1870 रूपये 20 
अरहर 6300 रूपये 300 
मुंग7275 रूपये 79 
उड़द 6300 रूपये 300 
मूंगफली 5550 रूपये 275 
सोयाबीन (पीला)3950 रूपये 70

एक एकड़ में हमारा उत्पादन होता है 25 क्विंटल, एक क्विंटल पर सरकार हमें पैसे मिलेगी 1870 रूपये तो फिर उस हिसाब से 25 क्विंटल मक्का का कीमत होगा 25 x 1,870 रूपये = 46, 750 रूपये। तो फिर इस तरह एक एकड़ जमीन में 25 क्विंटल मक्का के उत्पादन से हमारी आमदनी होगी 46, 750 रूपये।  मक्का का मंडी थोक भाव बहुत सी बार किसान भाईयो को एम् एस पी से ज्यादा या कम मिल सकता है। 

एक एकड़ मक्का की खेती से कितना प्रॉफिट होता है?

दोस्तों लागत, उत्पादन, समय, और आमदनी के बाद आइये हमलोग जानते हैं की प्रॉफिट और प्रॉफिट परसेंट कितना होगा। प्रॉफिट निकालने के लिए हम साधारण तरीके से कुल आमदनी में से लागत को घटा देंगे, तो जो आकड़ा हमे मिलेगा वह हमारा प्रॉफिट होगा। 

46,750 – 9,700 = 37,050 (प्रॉफिट)

प्रॉफिट (%) = प्रॉफिट x 100 / लागत 

प्रॉफिट (%) = 37,050 x 100 / 9,700 

प्रॉफिट (%) = 381%

हमारी आमदनी हुई थी 46,750 रूपये और लगती आयी थी 9,700 रूपये, तो फिर इस तरह हमारा प्रॉफिट हुआ 37,050 रुपये और हमारा प्रॉफिट परसेंटेज हुआ 381 परसेंट। 

आइये अब हम जानते हैं की मक्का की टॉप तीन हाइब्रिड वैराइटी कौन सी है और मक्का की फसल के साथ हम किन – किन फसलों की इंटरक्रॉपिंग कर सकते हैं। 

मक्का की टॉप तीन हाइब्रिड वैराइटी इस प्रकार है। 

  1. Pioneer P3401 
  2. Tata DMH8255 Gold 
  3. Tata Maize MM 9488

Pioneer P3401 से हमे प्रति 35 क्विंटल प्रति एकड़ हमें इससे उत्पादन मिलता है। Tata DMH8255 Gold इसमें हमे पर एकड़ 28 से 30 क्विंटल उत्पादन मिलता है। Tata Maize MM 9488 इस वैराइटी से भी हमे प्रति एकड़ तीन क्विंटल का उत्पादन मिलता है। 

आइये अब हम लोग जानते हैं की मक्का की खेती के साथ हम किन – किन फसलों की इंटरक्रॉपिंग कर सकते हैं। तो दोस्तों आप मक्का की खेती के साथ मुंग, अरहर, कपास, सोयाबीन और उड़द की फसलों की इन्टरक्रोप्पिंग कर सकते हैं। इसेक अलावा भी आप कई प्रकार के फसलों की इंटरक्रॉपिंग कर सकते हैं। 

दोस्तों अगर आपको मक्का की खेती से जुड़े कोई भी सवाल हो तो आप हमे कमेंट के जरिये पूछ सकते हैं। हमारा यह आर्टिकल को पढ़ने के लिए आपका बहुत – बहुत धन्यवाद दोस्तों। 

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