
नमस्कार किसान भाइयों स्वागत है आपका हमारे वेबसाइट पर। आज हम इस लेख के माध्यम सेलिच्ची की खेती कैसे करें के बारे में जानेंगे। लीची अपने रंग, स्वाद और गुणवत्ता के आधार पर सबसे ज्यादा पसंद की जाती। चीन के बाद भारत इसका सबसे बड़ा उत्पादक देश है। हमारे किसान भाइयों को लीची की खेती शुरू करने के पहले किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। इन सभी बातो को हम इस लेख में जानेंगे।
लीची की खेती के लिए मिट्टी कैसी होनी चाहिए?
लीची की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है। इसके अलावा इसकी खेती हल्की अमनी और लेटे लायक मिट्टी में भी की जा सकती है। इसके लिए मिट्टी में जलधारण क्षमता अधिक होनी चाहिए। ज्यादा जल भराव वाली मिट्टी इसके लिए उपयुक्त नहीं होती है। इसकी खेती के लिए मिट्टी का पीएच मान फाइव पॉइंट फाइव से लेकर सेवन पॉइंट फाइव तक होना चाहिए।
खेती के लिए जलवायु और तापमान कैसा होना चाहिए?
लीची का पौधा समशीतोष्ण जलवायु में उगने वाला सदाबहार फूल है। इसकी खेती के लिए 1200 मिलीमीटर बारिश काफी होती है। लेकिन अगर बारिश के फलों के पकते टाइम होती है तो यह फलों के लिए नुकसानदायक होती है। इससे फलों की गुणवत्ता और चमक दोनों पर फर्क देखने को मिलता है। लीची की खेती के लिए सामान्य तापमान सबसे बेहतर होता है।
लीची की खेती करने का सही समय क्या है?
जनवरी और फरवरी में लीची के पौधे पर फूल आनी शुरू हो जाती है। उस टाइम इसके पौधे के लिए ज्यादा गर्मी और उमस का होना अच्छा होता है। ज्यादा गर्मी होने की वजह से पौधे पर फूल ज्यादा आते है। इसके बाद जब पौधे पर फल बनने लगे तब गर्मी की मात्रा कम रहने पर इसके फल अच्छे से विकास करते हैं। फलों के पकने के दौरान सामान्य तापमान रहने पर इसके फलों में गूदा अच्छा बनता है और फलों की गुणवत्ता भी अच्छी रहती।
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