
आज हम लोग इस लेख में लौकी से संबंधित सभी जानकारियों के बारे में जानेंगे। लौकी के रोपने से लेकर कटाने तक की पूरी जानकारी हम लोग आपको एक अच्छे ढंग से देंगे।भारत में लौकी एक महत्वपूर्ण सब्जी में आता है। इसकी हरि अवस्था में तनी वाली सब्जियों और पत्तियों का उपयोग सब्जी के रूप में किया जाता है। जब लौकी बड़ी हो जाती है तो इसे पकाकर सब्जी के रूप में खाया जाता है।
लौकी के कठोर खोल को अन्य अन्य उद्देश्यों के लिए प्रयोग किया जाता है। लौकी दुनिया में सबसे पहले उपजाने वाले सब्जियों में से एक है, इसे ना केवल सब्जियां बल्कि कई तरह के सामान भी रखने के लिए उपयोग होता है। लौकी का छिलका हरा रंग का होता है जबकि इसके अंदर से गुड्डा होता है। लौकी दो प्रकार के होते हैं। लौकी का एक प्रकार लंबा होता है जबकि दूसरा गोल होता है।
लौकी खाने के फायदे।
लौकी एक हरी सब्जी होती है जिसके सेवन से शरीर में बहुत फायदे होते हैं। कई बीमारियों में भी लौकी को खाने का सुझाव दिया जाता है। लौकी के सेवन से पेट में हो रही एसिडिटी की समस्या दूर होती है। लौकी को खाने से सिरदर्द की भी रोग को दूर किया जा सकता है। जिन लोगों को गंजापन का शिकायत रहता है और उनके बाल झड़ने का समस्या रहता है, इसमें भी लोग की बहुत ज्यादा फायदेमंद होती है।
भारत में लौकी के स्थानीय नाम।
- सोरकाया/अनपाकाया (तेलुगु)
- सोरेकाई/चोरक्कई (तमिल)
- चोरका (मलयालम)
- सोरेकाई (कन्नड़)
- घिया/लौकी (हिंदी)
- लाउ (बंगाली)
- दुधी (गुजराती)
- पंधारभोपला/दुद्या भोपाल (मराठी)
- जीथ (कश्मीरी)
लौकी की खेती करने वाले राज्य।
भारत में लौकी की खेती लगभग सभी राज्यों में की जाती है। बिहार, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, पंजाब, आसाम, आंध्र प्रदेश जैसे राजू में लौकी की खेती ज्यादातर होती है।
भारत भर में लौकी की खेती सबसे ज्यादा बिहार राज्य में की जाती है।
लौकी के लिए सबसे बेहतर मौसम।
लौकी की खेती करने के लिए हम एक गर्म और नरम मौसम चाहिए। लौकी ठंडा मौसम को नहीं सहन कर पाती है और मर जाती है। लौकी की खेती के लिए 20 डिग्री सेल्सियस से लेकर 32 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान बहुत अच्छा होता है। लौकी की खेती अच्छा करने के लिए इन्हें कम से कम 4 महीने ठंड मौसम से दूर रखना होता है।
लौकी के खेती के लिए कैसे मिट्टी चाहिए।

लौकी की खेती कई प्रकार के मिट्टी में की जा सकती है। लेकिन यह बलुई मिट्टी में सबसे अच्छी तरह से उगती है। जमीन को सबसे पहले अच्छी तरीके से जुताई कर लेनी चाहिए जिससे वह तैयार हो जाए, साथी लौकी की खेती करने वाली मिट्टी का पीएच 6.5 से 7.5 के बीच में होना चाहिए। इसकी खेती में जल की ज्यादा आवश्यकता होती है और साथ ही इसके जल निकासी पर भी ध्यान देना होता है। मिट्टी में जैविक पदार्थ या खेद की उपज खाद को मिलाने से उसमें समृद्ध होगी जिससे आपकी लौकी की खेती और भी बेहतर तरीके से हो सकती है और उम्मीद किया जा सकता है।
लौकी के बीज को कब रोपना चाहिए।
प्लेन खेतों में लौकी के बीज को जून से लेकर जुलाई महीने तक मानसून यहां बरसात की फसलों के लिए रोपी जाती है, जबकि पहाड़ियों पर इसे अप्रैल महीने में बोया जाता है।
लौकी की बीज दर कितनी है।
लौकी की बीज दर की बात की जाए तो एक हेक्टर में लगभग सारे 3.5 किलो से लेकर 6 किलो तक बीज का आवश्यकता पड़ता है। एक हेक्टर में लगभग 80 कट्ठा होता हैं।
लौकी के बीज का उपचार कैसे करें?
लौकी के बीजो को रोपने से पहले हमें उसे स्यूडोमोनास फ्लोरेसेंस 10 ग्राम या ट्राइकोडर्मा विराइड 4 ग्राम या कार्बेन्डाजिम 2 ग्राम प्रति किलो बीज से उपचारित करना चाहिए।
लौकी के बीज को रोपने का तरीका।
लौकी के बीज को डिबलिंग विधि द्वारा मिट्टी में रोपा जाता है। लौकी के बीज को एक दूसरे से 2 से 3 मीटर के दूरी पर रखा जाता है। मिटी में 2.5 सेंटीमीटर से लेकर 3 सेंटीमीटर गहरे गड्ढे में लौकी के बीज को रखा जाता है। एक गड्ढे में आप दो से तीन बीच हो रख सकते हैं।
लौकी के खेती के लिए कितनी पानी का आवश्यकता होती है।

लौकी की खेती के लिए सबसे बढ़िया तरीका ड्रिप इर्रिगेशन होता है। यह एक गर्मी के मौसम में उपजने वाला सब्जी है जिसे हर एक 3 या 4 दिन के समय पर पानी की आवश्यकता होती है। ठंड के मौसम में उपज ने वाले सब्जी या फलों को उतना पानी का जरूरत नहीं रहता है। लेकिन इसे एक तय किया गया समय पर आपको पानी डालना होगा।
कैसे और कब लौकी की फसल करें।
लौकी जब बड़ी हो जाती है और वह हरी ही रहती है तभी हमें उसे काट लेना चाहिए। कटाई में देरी करने के कारण लौकी सुख या सर जाती है। कुछ लोग अगले साल लौकी की खेती करने के लिए लौकी को पौधे में ही छोड़ देते हैं। जब तक लोकी पौधे में सुख ना जाए तब तक उसे नहीं तोड़ते हैं। जब लौकी सूख जाता है तो आप उस के बीजों को दोबारा से रोककर इसकी खेती कर सकते हैं।
लौकी की खेती करने के कुछ तथ्य।
- लौकी को आप आपने बालकनी, घड़ा या कोई बड़ा रखने वाला चीज और साथ ही छत पर भी उगा सकते हैं। अगर आपके घर के पीछे थोड़ा सा भी खाली जगह है तो आप उसे वहां पर उगा सकते हैं।
- लौकी की लताओं में रेंगने की प्रकृति होती है, जिसको आप अपने तरीके से समर्थन देकर कहीं भी ले जा सकते हैं।
- लौकी के बीज का अनुकरण मिट्टी के नमी और तापमान पर निर्भर होता है।
- लौकी की खेती को बेहतर करने के लिए आप उसके मिटी में कई तरह के खादों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
- लौकी के पत्तों का रंग पीला होने का कारण उनमें पोषक की कमी या अधिक पानी देने का मात्रा हो सकता है।
लौकी की खेती से बिजनेस कैसे करें।
लौकी की खेती करके आप अच्छा खासा पैसा कमा सकते हैं। लौकी को आप ट्रक के सहारे से छोटे सब्जी मंडियों में जाकर बीच सकते हैं। इसे आप बड़े-बड़े दुकानों में भी भेज सकते हैं जहां इनका उपयोग होता है। साथ ही कुछ उत्सव पर लौकी की महत्व बढ़ जाती है जहां आपको इसके अच्छे दाम मिल जाते हैं।
दोस्तों ऊपर दिए गए लेख में हमने लौकी की खेती करने से जुड़ी सभी जानकारियों के बारे में बताया है। अगर आपके मन में इससे जुड़ी और भी अधिक प्रश्न है तो हमें कमेंट करके पूछ सकते हैं। साथी आप हमारे वेबसाइट पर आपके और भी फल और सब्जियों की खेती करने के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। आशा करता हूं कि यह लेख आपके लिए उपयोग साबित हुआ होगा और आपको यह पसंद आया होगा। इस लेख को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद।