
दोस्तो, गन्ने तो आपने खाये ही होंगे। अगर आप शहर में रहते हैं तो आप गन्ने के जूस का ठेला जरूर देखते होंगे। अगर आप गांव में रहते हैं तो आपने खेतों में गन्ने को जरूर देखा होगा और यहां तक कि गांव में रहने वालों ने तो खेतों में जाकर खूब सारे गन्ने तोड़कर खाए ही होंगे। वैसे क्या आप जानते हैं कि भारत गन्ने की खेती करने में दूसरे नंबर पर आता है और वहीं बात की जाए गन्ने के उपयोग की तो भी भारत दूसरे नंबर पर ही आता है और यहां तक कि गन्ने से जूस, शक्कर, गुड़, शराब और चीनी जैसी चीजें बनाई जाती हैं।
गन्ने की खेती के लिए कौन सी मिट्टी का चुनाव करना चाहिए?
अगर आप भी गन्ने की खेती या फिर उसका बिजनेस करने के बारे में सोच रहे हैं तो यह लेख तो आपके लिए ही है। चलिए जानते हैं कैसे। दोस्तों सबसे पहले तो गन्ने की खेती करने के लिए सही मिट्टी का चुनाव करने की आवश्यकता होती है। हम आपको बता दें कि जल निकासी वाली दोमट मिट्टी गन्ने की खेती के लिए सर्वोत्तम होती है। लेकिन अलग अलग जगह पर अलग अलग मिट्टी का इस्तेमाल किया जाता है जैसे कि लाल दोमट, लैटेराइट, काली कपास वाली मिट्टी इत्यादि।
गन्ना की खेती को करने का तरीका क्या है?
गन्ना दो तरीकों से बोया जाता है एक तो बीज के द्वारा और दूसरा गन्ने के तने के द्वारा। इन दोनों में काफी बड़ा अंतर होता है। अगर आप गन्ने के तने के द्वारा गन्ने को बोते हैं तो उसमें बीज के मुकाबले रोग और कीटनाशक लगने की संभावना ज्यादा होती है। अगर आप बीज के द्वारा गन्ने को बोते हैं तो आपकी फसल भी काफी अच्छी होती है। गन्ने की बुवाई तीन तरीके से की जा सकती है और भारत के हर राज्य में अलग अलग स्थिति में अलग तरीका अपनाया जाता है।
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