जैतून की खेती कैसे करें, जैतून की खेती की सम्पूर्ण जानकारी।

हेलो किसान भाई स्वागत है आपका हमारे वेबसाइट पर। आज हम इस लेख में जैतून की खेती कैसे करते हैं इस पर विस्तृत चर्चा करेंगे। मैं इस लेख में उन सभी विषयों पर बात करूंगा जिनको लेकर हमारे किसान भाइयों के मन जैतून की खेती में सवाल होता है। जैसे जैतून की खेती के लिए जलवायु व तापमान कैसा होना चाहिए, मिट्टी कौन सी उपयुक्त है, उन्हें कैसे लगाएं आदि। तो बिना समय नष्ट की लेख को शुरू करते हैं।

खेती का संपूर्ण जानकारी Join Now

जैतून की खेती  किसान भाइयो के लिए कितना फायदेमंद का सौदा है?

दुनिया भर में जैतून तेल की बढ़ती मांग से इसकी खेती करना काफी फायदेमंद साबित हो रही। प्रीमियम खाद्य तेलों की श्रेणी में इसके तेल का स्थान सबसे ऊंचा होता है। जैतून तेल का उपयोग खाने के साथ दवाइयों में भी इसका प्रयोग हो रहा है। अलग अलग वातावरण में भी जैतून की खेती के लिए यह नए प्रयोग सफल रहे हैं। यह देखते हुए किसान भाई इस खेती से अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। हमारे देश के राजस्थान राज्य में जैतून की खेती को बढावा देने के काम में जुटे विशेषज्ञों का कहना है कि तेल के निर्यात की मांग के अलावा घरेलू मांग भी बढ़ रही है। राजस्थान के अलावा दूसरे राज्यों में भी जैतून की खेती की संभावना हैं। 

खेती के लिए जलवायु व तापमान कैसा होना चाहिए?

जैतून एक सदाबहार पौधा है। इसका पौधा कम से कम 10 डिग्री सेल्सियस से 12 डिग्री सेल्सियस तक तापमान और अत्यधिक 45 डिग्री सेल्सियस तक सहन कर सकता है। समुद्र तल से 650 मीटर से 300 मीटर तक की ऊंचाई तक इसे उगाया जा सकता है। जैतून की खेती के लिए औसत तापमान 20 डिग्री आवश्यक होता है। इसे सालभर में औसतन 100 से 120 सेंटीमीटर वर्षा की जरूरत होती है। जहां आवश्यकता अनुसार औसतन वर्षा न हो, वहां सिंचाई अवश्य करें। जैतून के लिए सर्दियों से पहले तथा बसंत ऋतु से पहले पड़ने वाला आलम हानिकारक होता है। 

जैतून की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी कैसी होनी चाहिए? 

जैतून की खेती के लिए मिट्टी में अच्छी जल निकासी होनी आवश्यक है। इसके पौधे को अलग अलग प्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है। मिट्टी की ऊपरी सतह सख्त न हो। गहरी उपजाऊ मिट्टी में जैतून के पौधे पर अधिक वनस्पतिक वृद्धि होती है। जैतून के लिए मिट्टी का पीएच मान 6.5 तक होना चाहिए। दोस्तों एक एकड़ जैतून की खेती से तकरीबन 25 क्विंटल तक उत्पादन होता है। जहां सिंचाई की सुविधा हो तो दिसंबर से जनवरी में भी पौधे लगा सकते हैं।

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