
मानसून जल्द ही पूरे भारत के सभी राज्यों में दस्तक देगा। मानसून का सीजन किसान के लिए किसी भी त्योहार से बढ़कर है, क्योंकि पानी की कमी व तेज धूप के चलते हमारे खाली पड़े खेतों में फसलों की बुवाई कर सकते हैं। जून के महीने में हम कई सारी फसलों की खेती कर के बहुत अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। जिससे हम पूरे बारिश के सीजन में उत्पादन और आमदनी ले सकते हैं। इन फसलों की बुआई हम कौनसी विधि से करें और इन फसलों के हम कौन से बीज का चुनाव करें इन सभी बातो को संन्छेप में जानेंगे।
जून के महीना में भिंडी की खेती करें।
किसान भाई जून के महीने में लगाई जाने वाली हमारी पहली फसल है भिंडी। बारिश के सीजन में लगाई जाने वाली भिंडी की फसल को आप जून के महीने में लगा सकते हैं। अगस्त के महीने से आपको भिंडी की फसल उत्पादन मिलने लग जाएगा, क्योंकि बारिश के सीजन में भिंडी के पौधों की ग्रोथ हमें ज्यादा देखने को मिलती है। इसलिए आप भिंडी के बीजों की बुवाई करते समय एक लाइन से दूसरे लाइन के बीच की दूरी ढाई फीट रखें और एक पौधे से दूसरे पौधे के बीच की दूरी डेढ़ फीट रखें। भिंडी के लिए आप अधिवक्त गोल्डन सीड्स की राधिका वेरायटी का चुनाव कर सकते है।
बारिश के सीजन में खीरे की खेती करें।
हमारी दूसरी फसल है खीरा। खीरे के बीजो की बुआई आप 15 जून के बाद में कर सकते हैं। बारिश के सीजन में खीरे की फसल से न सिर्फ अच्छा उत्पादन देखने को मिलता है बल्कि खीरे का मंडी थोक भाव में काफी अच्छा मिलता है। इसलिए बारिश के सीजन में आप खीरे के बीजो की बुवाई बेड बनाकर करें। एक बेड दूसरे बेड के बीच की दूरी 5 से 6 फीट रखें व एक बेड की चौड़ाई ढाई फीट लें। एक बेड के ऊपर आप खीरे की दो लाइन ले सकते हैं। एक लाइन से दूसरे लाइन के बीच की दूरी एक फीट रखें। एक बीज से दूसरे बीच की दूरी ढाई फीट रखें और इन बीजों को जिगजैग तरीके बुवाई करें।