
आपको बता दें की अदरक की एक दूसरी प्रकार है गला, गले। यह थोड़ा अलग प्रकार का अदरक है और इसका टेस्ट भी बाकियों से अलग है और उसको धंधा भी किया जाता है या फिर अचार के तौर पर भी बेचा जाता है। इसकी अगली प्रकार है टर्नर एक है। इसको हल्दी के नाम से भी जाना जाता है और यह अदरक के एक प्रकार से ही बनता है और आपको यह अच्छे से पता है कि हल्दी का उपयोग कहाँ और कितना किया जाता है। यह खाने को अच्छा भी बनाता है और साथ ही साथ इसमें एंटी ऑक्सीडेंट्स भी होते हैं जोकि सेहत के लिए बहुत अच्छे होते हैं।
अदरक को कैसे उगाया जाता है?
जिंजर प्लांट अदरक को उगाने के लिए उसको एक मोस्ट जगह पर रखना पड़ता है। अच्छी अदरक की खेती के लिए मिट्टी को हमेशा गीला रखना पड़ता है। पर साथ साथ इस बात का भी ध्यान देना पड़ता है कि मिट्टी ज्यादा गीली ना हो। ऐसे में अदरक की फसलों में दिक्कत भी आ सकती है। जब भी मिट्टी सूख जाती है तो उसको और ज्यादा पानी दिया जाता है। यह भी ध्यान में रखना पड़ता है कि मिट्टी सूख न जाए वरना बाद में दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
अदरक की खेती से हार्वेस्टिंग कब की जाती है?
अदरक के खेतों में हरे पत्तों की मदद से मल्चिंग की जाती है। ऐसा इसलिए करते हैं ताकि ज्यादा पानी बचा रहे और जगह गीली रहे। हार्वेस्टिंग एंड मैच्योरिटी अदरक की फसल 8 से 10 महीनों में हार्वेस्ट करने के लिए रेडी हो जाती है। जब अदरक मैच्योर हो जाता है यानी जब अच्छे से ऊब जाता है तो वह थोड़ा सा पीले रंग का हो जाता है और उसकी टहनियां सूखने लगती हैं। जो हरे अदरक होते हैं उनको अलग कर दिया जाता है। उन्हें वापस पानी में डाल दिया जाता है ताकि उसकी स्किन निकल जाए।
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