
दोस्तों मोती की खेती में जीस टूल्स का इस्तेमाल होता है इन सब को करने में उन्ही टूल्स का इस्तेमाल होता है जो कि एक डेंटिस्ट यूज़ करता है। ये सब करने के बाद स्टार्स को आराम करने के लिए समय दिया जाता है जिससे वह जल्दी रिकवर हो सके। इसके लिए उन्हें दोबारा एक नैट में बांध दिया जाता है और शांत पानी में वापस छोड़ दिया जाता है जिससे वह अपने जख्म को जल्दी खेल कर सके। कुछ समय बाद इनको पानी से वापस निकाल दिया जाता है और वाशिंग मशीन में डाल दिया जाता है।
मोती को कैसे धो कर साफी किया जाता है?
इनका वाशिंग मशीन अलग होता है। जहां पर पानी के तेज धार से ओएस्टर को साफ किया जाता है और जो बड़े होते हैं उनको हाथों से निकाल लिया जाता है। इसके बाद फिर से इन्हें साफ किया जाता है ताकि फिर से अगर इन पर किसी तरह का पैरासाइट हो तो उसे हटाया जा सके। अब समय आ गया है दोस्तों इनके कल्टीवेशन का। इतने लंबे समय के इंतजार के बाद यह घड़ी आ ही जाती है और इनका कल्टीवेशन दिसंबर में शुरू होता है। जहां पर इन्हें अब नेट से निकाल लिया जाता है।
मोती को बाजार में कब बेचा जाता है?
जिसके बाद उसके शैल के एक साइड को काट लिया जाता है और उसके डॉक्टर मसल को उसके शरीर से अलग कर दिया जाता है। इनको काटने के बाद उनमें से जो फल निकलता है उसको पानी में बार बार साफ किया जाता है और साफ करने के बाद एक बहुत ही खूबसूरत पल निकलकर आता है। इसको बाजारों में बेच दिया जाता है। तो दोस्तों यह कमाल का यह बाकी चीजों की कल्टीवेशन से बहुत ज्यादा अलग है।
मोती की कीमत किस चीज़ पर आधारित होती है?
जहां पर पानी ने बहुत बड़ा रोल प्ले किया। इस लंबे प्रोसेस की वजह से ही मोती का प्राइस बहुत ज्यादा है। मोतियों के भी अलग अलग प्रकार होते हैं। जितना प्योर और बढ़िया मोती की क्वालिटी होगी उतना ही महंगा हुआ। तो दोस्तों आशा करता हूँ कि आपको यह लेख पसंद आई होगी। अगर पसंद आई है तो इसे शेयर करना मत भूलियेगा। और हमारे ब्लॉग को सब्सक्राइब कर दीजिएगा। मिलते हैं आपसे अगले लेख में तब तक के लिए गुडबाय।
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