
अजवाइन जिसे अजवाइन जड़ भी कहा जाता है, यह बहुत ही विविधता वाली सब्जी है। इसमें कई प्रकार के फ्लेवर और टेक्सचर होते हैं। अजवाइन का अनोखे स्वाद के कारण इसको कई प्रकार के कार्य के लिए इस्तेमाल किया जाता है। अजवाइन का इस्तेमाल साबुन बनाने में, सलाद बनाने में, चिप्स बनाने में, यहाँ तक इसका इस्तेमाल जूस को बनाने में भी किया जाता है। ऐसे में किसान भाई को अजवाइन की खेती के बारे में जानकरी को जरूर से जानना चाहिए। आइये हम आपको बतलाते हैं की अजवाइन की खेती कैसे की जाती है।
अजवाइन की खेती कैसे की जाती है?
अजवाइन की खेती में जो तापमान रहना चाहिए वो कम से कम 15 डिग्री सेल्सियस से लेकर 20 डिग्री सेल्सियस तक रहना चाहिए। आपको बता दें की अजवाईन की पौधें हलकी लाइट और टेम्पेरेचर को बरदास कर सकती है, पर यह बहुत ही अत्यधिक तापमान को झेल नहीं सकती है। अजवाईन की खेती में मिटटी में हल्का नमि जरूरत होती है। इस मिटटी की पीएच की मान की बात की जाए तो 6.0 से लेकर 7.0 तक रहना चाहिए।
खेती करते वक़्त किसान भाई मिटटी की उपजाऊ पर भी बहुत अधिक ध्यान देना चाहिए। मिटटी की उपजाऊ बनाने के लिए मिटटी में जरुरी खाद और फर्टिलाइजर डालना चाहिए। अजवाईन की खेती ठण्ड के समय में करना बहुत अच्छा माना जाता है, इसलिए किसान भाई अजवाइन की खेती को सितम्बर से लेकर नवंबर महीना में करना चाहिए, यह महीना इसकी खेती के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है।
अजवाइन की खेती से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी।
अजवाइन की खेती करने के लिए आपको अपने नजदीकी बीज भंडार से बीज खरीद कर ले आना है। सबसे पहले आप बीज को कुछ दिन के लिए पॉट्स में डाल कर उसे जर्मिनेशन होने दें। जर्मिनेशन होने के लिए कम से कम समय 08 से 10 हफ्ते लगते हैं। जब पौधे 10 सेंटी मीटर से लेकर 15 सेंटी मीटर तक हो जाए तो आप उसे जर्मिनटे कर सकते हैं। ट्रांसप्लांटिंग करते समय पौधे से पौधे के बिच की दुरी 30 सेंटी मीटर रखे तथा रौ से रौ के बिच की दुरी 45 सेंटी मीटर रखें।
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