गोभी की खेती कैसे और कब करें – यहाँ पाए पूरा जानकारी।

फूलगोभी को लोकप्रिय सब्जियों में से एक माना जाता है। भारत भर में गोभी को गोबी या घोबी के रूप में माना जाता है। यह पौधा क्रूसीफेरेरी परिवार से संबंध रखती है। ब्रोकोली को इसका चचेरा भाई कहा जाता है। गोभी के खाने वाले भाग को क्रूड कहा जाता है और यह चारों तरफ खड़ी पतियों से घिरे हुए रहती है। गोभी को हम लोग सब्जी के रूप मे खाते हैं। यह खाने में काफी ज्यादा स्वादिष्ट रहता है। इसका सब्जी अकेले या किसी और सब्जी के साथमिलकर बनता है। यह आलू के सब्जी के साथ ज्यादातर मिलकर बनता है।

गोभी से हमारे शरीर को क्या फायदे मिलते हैं।

गोभी सब्जी के रूप में हमारे शरीर के लिए भी काफी फायदेमंद रहती है। यह हमारे शरीर में कई तरह की बीमारियों से बचाती है और साथ हीहमारे शरीर में पोषक देती है।

  • गोभी हमारे हृदय को स्वस्थ रखता है।
  • गोभी खाने से हमारा कोलेस्ट्रोल का स्तर कम होता है।
  • फूल गोभी खाने से हमारा इम्यून सिस्टम भी मजबूत रहता है।
  • गोभी में खनिज और कैल्शियम की मात्रा भरपूर रहता है।
  • गोभी हमारे शरीर में एंटी कैंसर एजेंट के रूप में भी काम करती हैं।

भारत भर में गोभी के अन्य राज्यों के नाम।

गोभी भारत भर में मशहूर सब्जी में से एक मानी जाती है। लगभग भारत के सभी राज्यों में इसकी खेती और सब्जी बनती है। भारत के अलग-अलग राज्यों में इससे अलग-अलग नामों से जाना जाता है। नीचे पड़े भारत में कौन से राज्य में इसे क्या बुलाया जाता है।

  • फूल गोभी (हिंदी)
  • फूल गोभी/फुलकोबी (मराठी) 
  • हैओ कोसु (कन्नड़)
  • फूलकोपी/फुलकोपी (बंगाली)

गोभी के खेती के लिए कौन सा मौसम अच्छा है।

गोभी की खेती करने के लिए सबसे अच्छा मौसम उसके किस्मों पर चुने जाते हैं। गोभी को नम और ठंडी जलवायु काफी ज्यादा पसंद है और इस मौसम में यह बहुत अच्छी तरह से बढ़ता है। पत्ता गोभी की तरह फूलगोभी कम तापमान और गर्म जलवायु परिस्थितियों को सहन कर सकती है। गोभी की खेती के लिए ड्राई कंडीशन और कम आद्रता अच्छा नहीं होता है। गोभी की खेती में इसके अच्छे अंकुरण के लिए दिन का तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से लेकर 25 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए। ज्यादा कम ठंड के चलते इसके क्रूड को हानि पहुंच सकती है और साथ ही यह छोटा भी रह सकता है।

गोभी की खेती के लिए आवश्यक मिट्टी कौन सी है।

गोभी की खेती के लिए विभिन्न प्रकार की मिट्टियों का प्रयोग किया जा सकता है। इसकी खेती के लिए जिस मिट्टी में ऑर्गेनिक मैटर रहता है और साथ ही अच्छी जल मात्रा का निकासी होता है वह बहुत अच्छा होता है। शुरुआती फसलों के लिए हमें रेतीली दोमट मिट्टी का इस्तेमाल करना चाहिए जबकि देश से फसल के लिए चिकनी मिट्टी और दोमट मिट्टी प्रयोग करना चाहिए। गोभी की सबसे अच्छी खेती 6.0 से लेकर 7.0 पीएच की मिट्टी मैं होती है। इसकी खेती करने से पहले आपको मिट्टी की परीक्षण भी कर लेनी चाहिए अगर मिट्टी की पीएच 5.5 से कम होता है तो आपको जमीन पर पांच से 10 क्विंटल चुन्ना का इस्तेमाल करना होता है।

गोभी की खेती के लिए मिट्टी को तैयार कैसे करें।

गोभी की खेती करने के लिए सबसे पहले जमीन को मिट्टी पलटने वाले हल से एक दो बार जुताई करनी चाहिए इसके करने के बाद 3-4 बार देसी हल से मिट्टी की जुताई करनी चाहिए जिससे मिट्टी का आकार ढीला हो जाए और वह भुरभुरी हो सके। मुख्य खेती की तैयारी करने के लिए हमें जैविक खाद का भी इस्तेमाल करना चाहिए जैसे फार्म यार्ड खाद।

गोभी की खेती में बीज दर।

गोभी की खेती में बीज दर मौसम पर निर्भर करती है। अगर आप पहले फसल कर रहे हैं तो प्रति हेक्टेयर आपको कम से कम 600-750 ग्राम बीज का इस्तेमाल करना होता है जबकि पिछले फसल के लिए आपको प्रति हेक्टेयर 450-500 ग्राम बीच पर्याप्त होता है।

गोभी की खेती में बुवाई का समय।

गोभी की खेतों में हमें इनके बीजों को नर्सरी क्यारियों में बोला जाता है। शुरुआती फसल में आप इसको बोना चाहते हैं तो मई से जून का महीना सबसे बेहतर होता है। मुख्य फसल की खेती के लिए जुलाई से लेकर अगस्त का महीना महत्वपूर्ण है, जबकि अंतिम फसल की खेती के लिए सितंबर और अक्टूबर का महीना बीजों को बोलने के लिए बेहतर है।

गोभी की खेती में खाद और उर्वरक का इस्तेमाल कैसे करें।

गोभी की खेती में बेहतर परिणाम पाने के लिए हमें इसके मुख्य जमीन में 15 से 20 टन गोबर की खाद का जमीन में इस्तेमाल कारण चाहिए। यह कार्यक्रम हमें गोभी को रोकने से 4 सप्ताह पहले करना चाहिए। गोभी की खेती में हमें 100 किलो एन, 50 किलो पी 2ओ 5 प्रति हेक्टेयर का इस्तेमाल करना चाहिए।

गोभी की खेती में सिंचाई कैसे करें।

गोभी की खेती में शुरुआती फसलों के लिए हमें बुवाई के बाद 4-7 दिन के अंतराल पर सिंचाई करनी होती है जबकि पछेती फसल की खेती में सिंचाई 10-15 दिनों के बाद किया जा सकता है। गोभी में सिर बनने के समय जमीन में नमी बनी रहनी चाहिए इसलिए इस समय सिंचाई करना आवश्यक होती है। अगर गोभी की खेती मौसम में देर से होती है तो इसकी बार-बार सिंचाई करनी चाहिए। गोभी की सिंचाई करने के लिए डीप सिंचाई या स्प्रिंकल सिंचाई कारगर साबित हो सकते हैं।

गोभी की खेती में कटाई कैसे करें।

गोभी की कटाई इसके उचित सिर विकसित के बाद की जाती है। हमें इसकी कटाई करने के बाद यह सुनिश्चित किया जाता है कि हम इसके सिर के नीचे से ही काटे ताकि ठुठ परिवहन के दौरान क्षतिग्रस्त होने से बचे। गोभी के फिर जब अच्छी तरीके से विकसित हो जाता है तब इसे काटना चाहिए। क्योंकि सभी गोभी का सिर एक साथ विकसित नहीं हो पाता है तब जो भी विकसित रहते हैं उसे काट कर हटा देना चाहिए। गोभी को काटने के लिए सबसे अच्छा समय सुबह या शाम को बताया गया है।

निष्कर्ष :

दोस्तों, इस लेख में हम आपको फूलगोभी की खेती से जुड़ी सारी जानकारियों के बारे में विस्तार से बताएं हैं। अगर आप गोभी की खेती करना चाहते हैं तो यह लेख आपके लिए आवश्यक साबित हो सकती है। इसकी खेती के साथ अगर आपको और भी अन्य सब्जियों या फलों की खेती के बारे में जानना है तो हमारे वेबसाइट पर जरूर आएं। आशा करता हूं कि या लेख आपको पसंद आया होगा। इस लेख को पढ़ने के लिए धन्यवाद।

आगे पढ़े।

खरबूज की खेती कैसे करें, की सम्पूर्ण जानकारी।

धनिया की खेती कैसे करें की सम्पूर्ण जानकारी। 

1 thought on “गोभी की खेती कैसे और कब करें – यहाँ पाए पूरा जानकारी।”

  1. Pingback: सेब की खेती कैसे और कब करें, संपूर्ण जानकारी। - ARCS Web Service

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top