गाजर की खेती कैसे और कब करें, की सम्पूर्ण जानकारी।

गाजर की खेती कैसे और कब करें, की सम्पूर्ण जानकारी।

गाजर एक लाल काली नारंगी रंग की एक सब्जी है। गाजर एक पौधे की जड़ की होती है जो स्वस्थ के लिए बहुत ही ज्यादा लाभदायक होता है। गाजर को जूस के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। अगर आप गाजर के एक गिलास जूस पीते हैं तो वह आपके पूरे भोजन के बराबर होता है। गाजर में कई तरह के विटामिन पाए जाते हैं। साथ में गाजर कई तरीके से बीमारियों से उभरता है और मदद करता है। गाजर की खेती भारत में एक प्रमुख भूमिका निभाती है क्योंकि यह भारत का प्रमुख सब्जी है, गाजर का प्रयोग हम लोग कई सारे त्योहारों में भी करते हैं।

गाजर खाने से हमारे स्वास्थ्य में क्या लाभ होता है।

  • गाजर खाने से वजन घटता है।
  • गाजर हमारी पाचन क्रिया में भी सहायता करता है।
  • दिल से जूझ रहे बीमारियों के लिए गाजर फायदेमंद है।
  • गाजर हमारे शरीर के सचिव को भी स्वस्थ रखता है।
  • गाजर खाने से हमारे आँखों को भी फायदा होता है। 
  • कैंसर से पीड़ित मरीजों को भी गाजर खाने का सुझाव दिया जाता है।
  • गाजर खाने से हमारे ब्लड प्रेशर काबू में रहता है।
  • गाजर हमारे बालों के लिए भी फायदेमंद होता है।

भारत में गाजर की किस्में:

पहाड़ियाँ: ऊटी-1, अर्ली नैनटेस और न्यू कोरोडा

मैदान: इंडिया गोल्ड, पूसा केसर और हाफ लॉन्ग डेनवर

गाजर की खेती करने के लिए सबसे अच्छा मिट्टी।

गाजर एक ठंडी जलवायु वाली मौसम में उगने वाला फसल है। अगर आप गाजर को 15 डिग्री सेल्सियस से लेकर 20 डिग्री सेल्सियस तक उगाते हैं इसका रंग और अच्छे से उभरता है। गाजर की खेती के लिए सबसे अच्छा गहरी ढीली दोमट मिट्टी की जरूरत होती है। गाजर की खेती को और भी अच्छे तरीके से करने के लिए स्कीमिटी को 6.0 से 7.0 के पी एच की जरूरत होती है।

गाजर उगाने का सबसे अच्छा मौसम।

पहाड़ियाँ: जो गाजर पहाड़ी पर 1500 मीटर से ऊपर उगाए जाते हैं और सुनिश्चित सिंचाई होती है वह पुरे साल उगाई जा सकती है। 1000 से 1500 मीटर की ऊंचाई के ऊपर उगने वाले गाजर जुलाई से लेकर फरवरी महीने तक उगाई जाती है।

मैदान: कल इन मैदानों पर उगने वाले गाजर के लिए सबसे अच्छा महीना अगस्त का होता है।

गाजर की खेती के लिए बीज दर।

गाजर की खेती करने के लिए आपको एक हेक्टेयर जमीन में कम से कम 3.5 किलो से लेकर 4 किलो तक का बीच का जरूरत पड़ सकता है।

गाजर की खेती में पौधे की दूरी।

गाजर की खेती में हमें उसे 25 से 30 सेंटीमीटर की दूरी के साथ पंक्तियों में रखना चाहिए। बीज को बोते समय हमें उसे रेत में मिश्रित करना होता है। हम एक गाजर के बीज का एक भाग रीत के चार भागों के साथ रखना होता है।

पहाड़ियों में पौधों के बीच में 10 सेंटीमीटर का जगह छोड़ना होता है हां और मैदान में पौधों के बीच में 5 सेंटीमीटर का जगह छोड़ना होता है।

गाजर की खेती के लिए भूमि को तैयार कैसे करें।

गाजर की खेती कैसे और कब करें, की सम्पूर्ण जानकारी।

पहाड़ियाँ: भूमि को सबसे पहले अच्छे तरीके से जुताई कर लेनी होती है, 15 सेंटीमीटर का ऊंचाई और 1 मीटर चौड़ाई और साथ ही सुविधा अनुसार लंबाई की उठी हुई क्यारियाँ बनाई जाती है।

मैदान: मैदान को सबसे पहले दो बार जुताई की जाती है, इसके बाद 30 सेंटीमीटर की दूरी पर मोर और खान से बनाए जाते हैं।

गाजर की खेती में बीज का उपचार कैसे करें।

बीज को रोपने से पहले हमें उसे एक लीटर पानी में गाय के गोबर को मिलाकर 24 घंटे के के लिए छोड़ देना होता है। साथ ही रोपाई से पहले रूपए जाने वाले रूट को 5% स्यूडोमोनास फ्लोरेसेंस से मिलाया जाता है।

गाजर की खेती का सिंचाई कैसे करें।

5 दिनों के अंदर हमें गाजर की खेती में जल का प्रभाव करना चाहिए। गर्मी के मौसम में इसकी सिंचाई करने के बाद हमें जूट के बोरों से इसे ढक देना चाहिए जिससे इसकी नमी बरकरार रहे। इससे दुख के दिनों में ज्यादा पानी का नुकसान होने से भी रोकता है। इससे बीज का अंकुरण और अच्छे तरीके से होता है।

गाजर की खेती के लिए खाद और उर्वरक की आवश्यकता कैसे पूरी करें।

जमीन को तैयार करने के समय मिट्टी में सींग की खाद 75 ग्राम प्रति हेक्टेयर के डर से 40 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करना होता है।

खेत के तैयारी के समय हमें सड़ी हुई गोबर को पूरे खेत के चारों तरफ डालना होता है। एक हेक्टेयर जमीन में कम से कम 50 टन गोबर की खाद का जरूरत पड़ता है।

रोपण के 45वां में 60वां में और 75वां में दिन गाय के गोबर को 100 लीटर पानी में 5 किलो घोलकर जमीन में छिड़काव किया जाता है।

भूमि की तैयारी की समय नीम की खली का प्रयोग कर सकते हैं। एक हेक्टेयर जमीन में आपको 1250 किलो का जरूरत हो सकता है।

गाजर की खेती में इन्हें कीटों से ज्यादातर प्रभावित नहीं होना पड़ता है। गाजर की खेती में कीरे नहीं लगते हैं।

गाजर की खेती से बिजनेस कैसे करें।

गाजर की खेती कैसे और कब करें, की सम्पूर्ण जानकारी।

एक हेक्टेयर में लगभग 28 से 300 क्विंटल की गाजर उपजाऊ की जा सकती है। मार्केट में इसका एक केजी का दाम ₹40 किलो के लगभग होता है। आप इसे ज्यादा मात्रा में उपजा कर लोकल मार्केट में भेज सकते हैं। साथ ही शादियों वाले सीजन में इसकी मांग और भी बढ़ जाती है, यहां तक कि कई तरह के त्यौहार में भी इसका इस्तेमाल प्रसाद के रूप में होता है। जहां भी गाजर की जरूरत होती है आप वहां पर इसे बेचकर अच्छा खासा पैसा कमा सकते हैं।

निष्कर्ष :

दोस्तों, ऊपर दिए हुए लेख में हम आपको गाजर की खेती करने से जुड़ी सभी जानकारियों के बारे में बताएं हैं। अगर आपके मन में इससे जुड़ी और भी अधिक प्रश्न है तो हमें कमेंट करके पूछ सकते हैं। साथ ही आपको अगर और भी अन्य सब्जी या फलों की खेती करने के बारे में जानकारी चाहिए तो हमारे वेबसाइट पर आ सकते हैं। आशा करता हूं कि यह लेख आपके लिए उपयोगिता साबित हुआ होगा। इस लेख को पढ़ने के लिए बहुत धन्यवाद।

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