
आइये देखते हैं कि केले की खेती करने से पहले हमें किस प्रकार से अपनी खेती की जमीन को तैयार करना है, ताकि हम केले का उत्पादन तेजी से कर सकें। सबसे पहले गर्मियों में कम से कम 3 से 4 बार अपने खेत की जुताई कर लें। जब आप आखिरी जुताई कर रहे हों तो 10 टन अच्छी तरह से काली हुई रोड़ी की खाद या गाय का गड़ा हुआ गोबर मिट्टी में अच्छी तरह मिला लें। इसके बाद जमीन को समतल कर दें। रोपाई से पहले गहरी जुताई और क्रॉस हैरो से जुताई करके नदीन को निकाल देना चाहिए। यदि हमला घास प्रजातियों द्वारा हो तो नदीन के अंकुरण से पहले 80% डब्ल्यूपी 800 ग्राम को 150 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ में डाल दें।
केले की खेती में कितने पौधे लगते हैं?
जमीन को समतल करने के लिए आप ब्लेड हैरो या लेजर लेवलर जैसे उपकरणों का प्रयोग कर सकते हैं। अगर आपके क्षेत्र में नेमाटोड की समस्या ज्यादा रहती है तो वहां पर रोपाई से पहले निवाडी साइड और धूमन गड्ढों में डाल दीजिए। केले की बिजा बुवाई के लिए मध्य फरवरी से मार्च का पहला सप्ताह उपयुक्त होता है। आप बुवाई के दौरान दो पौधों के बीच 1.8 बाय डेढ़ मीटर या फिर दो बाई ढाई मीटर का फासला रख सकते हैं। यदि फासला 1.8 बाई डेढ़ मीटर लिया जाए तो प्रति एकड़ में 1452 पौधे लगाए जा सकते हैं।
केले के पौधे को सेहतमंद कैसे बनाये?
पर यदि फासला दो बाई ढाई मीटर लिया जाए तो एक एकड़ में 800 पौधे आसानी से लगाए जा सकते हैं। सेहतमंद और संक्रमण रहित जड़ों या राइजोबियम का प्रयोग रोपाई के लिए किया जाता है। रोपाई से पहले जड़ों को अच्छे से धोएं और क्लोरोपायरीफॉस 20 ईसी ढाई मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में डुबोएं। अमूमन ड्राई जोन को भिंडी से खतरा रहता है और फसल को राई। रोम की भिंडी से बचाने के लिए रोपाई से पहले कार्बोफ्यूरान 3% सीडी 33 ग्राम प्रति लीटर पानी की जड़ों में डुबोएं और उसके बाद 72 घंटों के लिए छांव में सुखाएं।
इससे भी पढ़ें।