
पिछले कुछ सालों से महाराष्ट्र के अलावा अंगूर की खेती भारत के अन्य राज्यों में तेजी से बढ रही है। गुजरात, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, तमिलनाडु और मध्यप्रदेश के किसान भाई अंगूर की खेती सफलतापूर्वक कर रहे हैं। ऐसे में किसान भाइयों के मन में एक सवाल जरूर होगा कि 2023 में अंगूर की खेती करना फायदे का सौदा है या नहीं। यह पता करने के लिए हमें अंगूर की खेती का विश्लेषण करना होगा।
एक एकड अंगूर की खेती में हमारी कितनी लागत आती है?
अंगूर के एक जंगली पौधे का मूल्य ₹10 होता है। इस पर हम जो कलम चढ़ाते हैं उसका मूल्य ₹4। इस तरह एक अंगूर के पौधे की कीमत हुई ₹14। एक एकड़ में अगर हम आठ बाय चार फीट पर पौधा रोपण करते हैं तो 1200 पौधे लगेंगे। इस तरह एक एकड़ अंगूर की खेती में पौधा रोपण का खर्च आएगा 16 हज़ार ₹800। अंगूर की खेती करने के लिए हमें खेत में बोर सिस्टम का सेटअप तैयार करना पडता है। इसमें टी आकार के एंगल, बेस पर तार से अंगूर के पौधे को सपोर्ट देने के लिए बांस लगाना पड़ता है। इस तरह इस पूरे बोर्ड सिस्टम का एक एकड़ का खर्च आता है ₹80,000। एक एकड़।
एक एकड़ अंगूर की खेती से कितना उत्पादन होता है?
अंगूर के पौधे से दो साल के बाद उत्पादन मिलना शुरू होता है और साल में एक ही बार मिलता है। एक पौधे से हमें एवरेज उत्पादन मिलता है 17 केजी। एक एकड़ में हमने 1200 पौधे लगाए थे। इस तरह हमारा एक एकड़ अंगूर के बगीचे से उत्पादन हुआ दो हज़ार चार सौ किलो मतलब 20 टन। अगर हमारी फसल अच्छे से नहीं आती तो हमारा मिनिमम उत्पादन रहेगा 15 टन। अंगूर का पौधा लगभग 15 से 17 वर्षों तक अच्छी उपज देता है। इसके बाद ज्यादातर किसान भाई इसकी फसल को जोत देते हैं, क्योंकि इसके बाद इसकी उपज अच्छी नहीं होती है। मतलब अगर आप एक एकड़ अंगूर की खेती करते हैं तो आप मिनिमम 15 साल और मैक्सिमम 17 सालों तक उत्पादन ले सकते हैं।