ड्रैगन फ्रूट की खेती कैसे और कब करें, संपूर्ण जानकारी।

ड्रैगन फ्रूट को हिंदी में पिता या नाम से भी जाना जाता है। यह फल थाईलैंड, वियतनाम, इजरायल और श्रीलंका जैसे देशों में प्रसिद्ध है। भारत में इस फल की व्यावसायिक खेती जोड़ पकड़ रखी है और साथ ही इस फल की बाजार में कीमत 200 से ₹250 किलोग्राम तक होती है। इस फल की खेती उन जगहों पर ज्यादा कारगर साबित होती है जहां कम वर्षा होने की संभावना रहती है।

इस पौधे को एक सजावटी पौधे के साथ-साथ पानी देने वाला पौधा के रूप में जाना जाता है। ड्रैगन फ्रूट का इस्तेमाल हम लोग ताजे फल के रूप में कर सकते हैं और साथ ही इसका प्रयोग जैम, आइसक्रीम, जेली, जूस  और शराब में इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका इस्तेमाल फेस वाश में भी किया जा सकता है।

ड्रैगन फ्रूट से हमें क्या स्वास्थ्य लाभ मिलता है।

ड्रैगन फ्रूट हमारे शरीर के लिए बहुत ही लाभदायक साबित होता है और साथ ही कई प्रकार के रोगों और बीमारियों से हमें बचाता है। नीचे जाने ड्रैगन फ्रूट हमें कैसे लाभ पहुंचाता है।

  • ड्रैगन फ्रूट मधुमेह के रोग को नियंत्रित करने में मदद करता है।
  • इसे खाने से कोलेस्ट्रॉल भी कम होता है।
  • इस फल में फैट और प्रोटीन की मात्रा भरपूर रहती है।
  • इसे खाने से गठिया को रोकने में भी मदद करता है।
  • यह फल हमारे हृदय के स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है।
  • यहां फला में वजन बढ़ाने में भी मदद करता है।
  • ड्रैगन फ्रूट हमारे बढ़ती उम्र से लड़ने में मदद करता है।
  • ड्रैगन फ्रूट अस्थमा के बीमारी को भी रोकने में सहायता करता है।
  • यह फल विटामिन और खनिजों में उच्च मदद करता है।

ड्रैगन फ्रूट के प्रमुख प्रकार कौन से हैं।

ड्रैगन फ्रूट रंग के आधार पर तीन प्रकार के होते हैं।

  • सफेद रंग के गूदे के साथ लाल रंग का फल।
  • लाल रंग के गूदे के साथ लाल रंग का फल।
  • सफेद रंग के गूदे के साथ पीले रंग का फल।

ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए आवश्यक मौसम कौन से हैं।

ड्रैगन फ्रूट का पौधा खराब मिट्टी की स्थिति और तापमान में उतार-चढ़ाव में भी जीवित रहता है। लेकिन ट्रॉपिकल क्लाइमेट रीजन इसके लिए सबसे अच्छा होता हैं। इसकी खेती को साल में न्योनतम 50 सेंटीमीटर वर्षा और तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से लेकर 30 डिग्री सेल्सियस के बीच का आवश्यक होती है। अधिक धूप इसकी खेती के लिए अच्छा साबित नहीं होता है, आंतरिक धूप वाले क्षेत्रों में बेहद भोपाल के लिए इससे छाया प्रदान किया जाता है।

ड्रैगन फ्रूट की खेती के लिए आवश्यक मिट्टी कौन सी है।

इसकी खेती रेतीली दोमट मिट्टी से लेकर चिकनी मिट्टी तक कई प्रकार के मीटिंग में उगाया जा सकता है। लेकिन अच्छे कार्बनिक पदार्थ और जल निकासी वाली रेतीली मिट्टी को इसकी खेती के लिए सबसे अच्छा माना गया है। ड्रैगन फ्रूट की खेती करने के लिए इसकी मिट्टी का पीएच 5.5 से 7 सबसे अच्छा होता है।

ड्रैगन फ्रूट की खेती में भूमि तैयार कैसे करें।

ड्रैगन फ्रूट के खेती करने के लिए सबसे पहले भूमि को जुताई करने चाहिए। भूमि को जुताई तब तक कीजिए जब तक इसकी मिट्टी अच्छे तरीके से भुरभुरी ना हो जाए और साथ ही खरपतवार मुक्त ना हो जाए। जमीन या खेत को तैयार करने के लिए आप इसमें किसी भी प्रकार के जैविक खाद का इस्तेमाल कर सकते हैं।

ड्रैगन फ्रूट की खेती में खाद और उर्वरक का इस्तेमाल।

ड्रैगन फ्रूट की खेती में इन के विकास के लिए कार्बनिक पदार्थ एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके प्रत्येक पौधों में हम लोगों को 10 से 15 किलोग्राम तक जैविक खाद का इस्तेमाल करना चाहिए। इसके बाद प्रत्येक वर्ष हमें जैविक खाद की मात्रा 2 किलोग्राम बढ़ा देनी होती है। इसकी खेती में वानस्पतिक वृद्धि के लिए अकार्बनिक उबर को का भी इस्तेमालआवश्यक होती है। फल लगने के समय अधिक उपज प्राप्त करने के लिए नाइट्रोजन की कम मात्रा और पोटाश की अधिक मात्रा का प्रयोग करना चाहिए।

ड्रैगन फ्रूट की खेती में सिंचाई कैसे करें।

अन्य पौधों की तुलना में इस पौधे को कम पानी की आवश्यकता होती है। लेकिन रोपण, फूल, फल विकास चरण और गर्म मौसम में इसे लगातार सिंचाई करने की आवश्यकता पड़ती है। इसकी सिंचाई करने के लिए हम लोग डीप इरीगेशन का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

FAQ:

ड्रैगन फ्रूट की खेती में पौधों की सघनता।

अगर बात की जाए ड्रैगन फ्रूट की सघनता की तो एक-एक करके भूमि में लगभग 1700 पौधों को आप लगा सकते हैं।

ड्रैगन फ्रूट की खेती में कीट या रोग।

अन्य पौधों की तरह ड्रैगन फ्रूट की खेती में कोई भी की तरह रोक नहीं पाए जाते हैं या रिपोर्ट किए जाते हैं।

ड्रैगन फ्रूट की खेती में तुराई कैसे करें।

ड्रैगन फ्रूट की पौधे पहले साल से ही फल देना शुरू कर देते हैं। आमतौर पर यह देखा गया है कि इन पौधों में मई से जून महीने में फूल आना शुरू हो जाते हैं और अगस्त से दिसंबर महीने में फल लगने लगते हैं। ड्रैगन फ्रूट में फूल आने के 1 महीने के बाद कटाई कर सकते हैं। इसमें खुलने का समय है दिसंबर महीने तक रहता है। इतने समय में से इन फलों को 6 बार तोड़ा जा सकता है।

पके हुए फलों की तुराई करने के लिए इसका पहचान बहुत ही सरल होता है। जो फल पक्के नहीं रहते हैं वह हरे रंग में रहते हैं लेकिन पकने के बाद इनका रंग लाल रंग में बदल जाता है। रंग बदलने के 1 दिन के बाद इसकी तुराई करनी चाहिए। इसके फल को तोड़ने के लिए दरांति या हाथ का इस्तेमाल कर सकते हैं

निष्कर्ष:

दोस्तों, ऊपर दिए हुए लेख में हम आपको ड्रैगन फ्रूट की खेती से जुड़ी हुई साड़ी जानकारियां विस्तार में बताएं हैं। अगर आप ड्रैगन फ्रूट की खेती करना चाहते हैं तो यह लेख आपके लिए मददगार साबित हो सकता है। ड्रैगन फ्रूट से जुड़ी हुई और भी जानकारी के लिए हम एक कमेंट बॉक्स में कमेंट करके पूछ सकते हैं। साथ ही अगर आप अन्य फल या सब्जियों की खेती के बारे में जानना चाहते हैं तो हमारे वेबसाइट पर जरूर आए। आशा करता हूं कि यह लेख आपको पसंद आया होगा। इस लेख को पढ़ने के लिए धन्यवाद।

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