धान में खाद कब डालना चाहिए: उपयुक्त मार्गदर्शन।

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खेती विशेषतः भारतीय समृद्धि का एक प्रमुख स्रोत है और धान देश की प्रमुख फसलों में से एक है। धान की उन्नत खेती के लिए सही समय पर खाद का सही तरीके से प्रयोग आवश्यक होता है। इस लेख में, हम आपको बताएंगे कि धान में खाद कब और कैसे डालनी चाहिए, जिससे आप बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकें।

धान की जरूरतों का आकलन।

धान को विकासित करने के लिए उसकी जरूरतों का ठीक से आकलन करना महत्वपूर्ण है। धान की पोषण सामग्रियों की भरपूर मात्रा प्रदान करने के लिए आपको सही समय पर खाद देनी चाहिए।

पूर्व-खरीफ खाद डालने का समय।

पूर्व-खरीफ में, जब पौधों का विकास होता है, तब आपको धान के पौधों को पोषित करने के लिए खाद देनी चाहिए। इसके लिए मानव यूरिया और डीएपी जैसी खादों का प्रयोग किया जा सकता है।

जीवाणु खाद का प्रयोग।

धान के उत्पादन में जीवाणु खादों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। जीवाणु खाद धान की पौधों को सही से पोषित करने में मदद करते हैं और उत्पादकता को बढ़ावा देते हैं।

जल स्तर का ध्यान।

धान की खेती में जल स्तर का महत्वपूर्ण भूमिका होता है। खाद को देने के पश्चात्, जल स्तर की निगरानी रखें और आवश्यकता होने पर सिंचाई करें।

फूलने की स्थिति का विश्लेषण।

धान के पौधों की सही फूलने की स्थिति की निगरानी करें। अगर पौधे फूलने की स्थिति में हैं, तो आपको उचित समय पर फूलों के लिए खाद देनी चाहिए।

फसल की उम्र।

धान की उम्र के अनुसार भी आपको खाद देनी चाहिए। छोटी उम्र में अधिक नाइट्रोजन युक्त खादों का प्रयोग करें, जबकि पूरी फसल के लिए संतुलित खादों का चयन करें।

खाद के प्रकार।

धान के लिए कई प्रकार की खादों का प्रयोग किया जा सकता है, जैसे कि यूरिया, डीएपी, जीवाणु खाद, आदि। आपको धान की जरूरतों और मिट्टी की विशेषताओं के आधार पर सही खाद का चयन करना चाहिए।

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