
धान भारत में अहम फसल है और इसकी खेती देश के किसानों के लिए मुख्य आय स्रोत होती है। धान की खेती में सफलता पाने के लिए उचित खादों का प्रयोग करना अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। इस लेख में, हम आपको बताएंगे कि धान की खेती में कौन-कौन सी खादें डालनी चाहिए ताकि आप अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकें। खेती में उपयुक्त खादें:
- जीवात्मक खाद:
जीवात्मक खाद धान की खेती में अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसमें मिट्टी की गर्मी को बनाए रखने और पोषण प्रदान करने वाले माइक्रोऑर्गेनिजम्स होते हैं। यह खाद मिट्टी की फिजिकल और केमिकल स्ट्रक्चर को सुधारती है और पौधों को पौष्टिकता प्रदान करती है।
- नाइट्रोजन (N):
नाइट्रोजन धान की विकास दर को बढ़ावा देता है और पौधों की हरियाली को बढ़ाता है। पौधों के पूरे विकास के लिए नाइट्रोजन आवश्यक होता है और इससे उनकी अच्छी फैलाव होती है।
- फॉस्फोरस (P):
फॉस्फोरस खाद धान की अच्छी बूँदी ग्रोथ के लिए महत्वपूर्ण है। यह पौधों के अच्छे जड़ विकास के लिए भी आवश्यक होता है जो कि मजबूत पौधों की ग्रोथ के लिए आवश्यक है।
- पोटैशियम (K):
पोटैशियम खाद पौधों की स्थिरता और प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ावा देता है। यह पौधों को तंतु में भरपूर मात्रा में पोषण प्रदान करता है जो कि उनकी सही विकास दर और फूलने की क्षमता के लिए महत्वपूर्ण है।
उपयुक्त खादों का सेचन:
- जल सावधानी:
धान की पैदावार के लिए उचित समय पर सेचन अत्यंत महत्वपूर्ण है। बिना सेचन के पौधों की विकास रुक जाती है और यह पैदावार पर बुरा प्रभाव डालता है।
- खाद सेचन:
खाद को सेचन करते समय ध्यान देना आवश्यक है कि यह पौधों के निकट न पहुंचे, क्योंकि यह उन्हें नुकसान पहुंचा सकता है। सेचन के लिए उचित और सुरक्षित तरीके का चयन करें।
खेती में खादों का मात्रा:
- सल्फर (S):
सल्फर की मात्रा को धान की खेती में सही रूप से बनाये रखना आवश्यक है। यह पौधों के विकास के लिए महत्वपूर्ण है और खाद के रूप में उपयोगी होता है।
- जिंक (Zn):
जिंक की मात्रा को भी ध्यान से नियंत्रित करना आवश्यक है क्योंकि यह पौधों के सही विकास के लिए आवश्यक होता है।
इसे भी पढ़ें।