
नमस्कार किसान भाइयों, स्वागत है आपका हमारे वेबसाइट पर। आज हम इस लेख में बात करेंगे कि कैसे किसान भाई बादाम की खेती की शुरुआत करें और पहाड़ी इलाकों के अलावा कैसे आप मैदानी इलाकों में भी बादाम की खेती सफलतापूर्वक कर सकते हैं। इसलिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें। हम कोई भी नई फसल या फल की खेती की शुरुआत करें तो उससे पहले हमें कुछ बातों की जानकारी होना जरूरी है। जैसे उपयुक्त जलवायु और तापमान, मिट्टी उन्नत किस्में, पौधा रोपण करने का सही तरीका और उचित समय।
बादाम के खेती करने के फायदे।
एग्जाम के दिनों में मां का आशीर्वाद बादाम के रूप में दी जाती है। दिवाली के गिफ्ट्स में इनकी मौजूदगी और मूल्यवान बन गई है। समय के अनुसार भी इनकी डिमांड कम नहीं होती। जहां सर्दियों में बादाम से बना हलवा काफी पसंद किया जाता है, वहीं गर्मियों के आते ही हम सब बादाम के दूध का स्वाद बनाना नहीं भूलते। आज के जीवन में बादाम एक अलग ही मुकाम पा चुका है। उसी तरह बाजार में बादाम का अपना ही एक बड़ा सा बाजार है, जिसे हम सब बादाम की इंड्रस्टी के नाम से जानते हैं।
बादाम की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु और तापमान?
बादाम की खेती के लिए जलवायु की बात की जाए तो इसके लिए गर्मियों में तापमान 30 डिग्री से 35 डिग्री सेल्सियस तक होना चाहिए। पौधे की वृद्धि और गिरी भरने के लिए आवश्यक फूल जब छोटे होते तब इन पौधों को दो डिग्री सेल्सियस से थ्री डिग्री सेल्सियस तक का तापमान का सामना कर सकते हैं। लेकिन अगर कम तापमान निरंतर लंबे समय तक बने रहने पर यह फसल को हानि पहुंचा सकते हैं। बादाम की खेती ठंडे प्रदेशों में की जाती है, जिसे बीज के द्वारा भी लगाया जा सकता है।
भारत में बादाम की खेती किस प्रकार की जाती है?
दुनिया भर में अमेरिका बादाम का सबसे बड़ा निर्यातक देश है, जहां का केलिफोर्निया बादाम दुनिया भर में खाया जाता है जोकि आकार में भारतीय बादाम से बड़ा होता है। भारत में बादाम की खेती ठंडे प्रदेशों में की जाती। इसकी खेती के लिए कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड व चीन की सीमा और तिब्बत की सीमा उपयुक्त मानी जाती है। अभी भी बहुत से किसान भाइयों का यह मानना है कि बादाम की खेती प्राय ठंडे प्रदेशों और पहाड़ी इलाकों में ही हो सकती है। लेकिन हमारे किसान भाई बादाम की खेती मैदानी इलाकों में जहां पर पतझड़ का मौसम आता है, वहां पर सफलतापूर्वक कर रहे हैं।