
आज हम इस लेख में नकदी फसल का विश्लेषण करेंगे। नकदी फसल वह होती है जो कि कम लागत, कम समय में तैयार हो हमें अच्छी आमदनी देती है।पूरे साल में ऐसे दो महीने जहां पर आपको पालक की फसल का सबसे अच्छा मंडी थोक भाव देखने को मिलता है।
पालक की खेती किस तरह की मिटटी में करें?
वैसे तो पालक का उत्पादन हमें सभी तरह की मिट्टी में अच्छा ही देखने को मिलता है पर यह देखा गया कि रेतीली दोमट मिट्टी जिसका पीएच का मान सिक्स पॉइंट फाइव से सेवन के बीच में रहता है। यहाँ पर हमें पालक का सबसे अच्छा उत्पादन देखने को मिलता है। यानी की आप पालक की खेती हर तरह की मिट्टी में कर सकते हैं।
पालक की बीज का बुवाई का सही समय क्या है?
बात करे बीज बुवाई के सही समय तो आप पालक के बीजो की बुवाई पूरे साल कर सकते है। हम पिछले कुछ सालों से पालक की खेती पूरे साल करते आए और हमने यह निष्कर्ष निकाला कि अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर के महीने में पालक की फसल से सबसे अच्छा उत्पादन देखने को मिलता है फिर भी या जहां पर टेम्परेचर गर्मी के सीजन में ज्यादा रहता है वहां पर आप पालक के बीजो की बुवाई मई और जून के महीने में ना करें।
एक एकड़ पालक की खेती में कितना खर्चा आएगा?
मिट्टी व सही समय के बाद आते है हमारे दूसरे पॉइंट लागत पर। एक एकड़ पालक की खेती में कितनी लागत आती है। अगर हम पालक के बीजो की बुवाई विधि से करते तो बीज की मात्रा लगेगी 12 से 15 किलो व् पालक के एक किलो के पैकेट की कीमत ₹150 के आसपास रहे। इस तरह हमारा एक एकड़ में बीज बुवाई का खर्चा आएगा दो हज़ार रूपये।
पालक की खेती में कुछ अन्य खर्च।
खेत की तैयारी का खर्च आयेगा ₹4,000 देसी खाद का खर्च आएगा 2500 रुपया। पालक की फसल में मच्छर व इल्ली का अटैक देखने को मिलता है। जिसे आप नीम ऑयल के स्प्रे से कंट्रोल कर सकते है। जिसका हमारा खर्चा आएगा 500 रुपया। पालक की फसल में हार्वेस्टिंग व बीज बुवाई के लिए अगर लेबर की जरूरत लगती है तो इसका आपका खर्चा आएगा 5000 रुपया। खेत से मंडी तक का ट्रांसपोर्ट चार्ज जायेगा चार हज़ार रुपया।
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