
एवाकाडो की खेती की शुरुआत मैक्सिको से हुई थी। जिन देशों में एवाकाडो का सबसे ज्यादा उत्पादन होता है, वे इस प्रकार है मैक्सिको, कोलंबिया, डोमेनिक रिपब्लिक, पेरू, इंडोनेशिया व साउथ अफ्रीका की कंट्री। भारत में एवाकाडो की खेती नई है।
जिन राज्यों में एवाकाडो की खेती होती है, वे हैं तमिलनाडु, सिक्किम, कनार्टक का महाराष्ट्र, नॉर्थ ईस्ट व साउथ सेंट्रल के राज्यों में भी एवाकाडो की खेती होती है। साल दर साल एवाकाडो की भारत में मांग तेजी से बढ़ रही है व इस कारण इसका आयात हम तेजी से कर रहे हैं। ऐसे में किसान भाइयों के लिए एवाकाडो की खेती फायदे का सौदा है।
एक एकड़ एवाकाडो की खेती में कितनी लागत आती है?
एवाकाडो का एक पौधा हजार रुपए से लेकर ₹3,000 के बीच में आता है। भारत में कई नर्सरी है जो कि एवाकाडो के पौधे उपलब्ध कराती है और हर नर्सरी पर एवाकाडो के पौधे का मूल्य हमें अलग अलग देखने को मिलता है। इसलिए हम एवरेज दो हज़ार रुपए पर पौधे का मूल्य लेते हैं।
अगर हम लाइन से लाइन के बीच की दूरी 22 फीट लेते है व पौधे से पौधे के बीच की दूरी 12 फीट लेते है तो एक एकड़ में एवाकाडो के कुल 160 पौधे आएंगे। एक पौधे का मूल्य हमने ₹2,000 लिया है। इस तरह हमारा एक एकड़ एवाकाडो की खेती में पौधों का खर्चा आएगा। ₹3,20,000 रूपये।
एक एकड़ एवाकाडो की खेती से कितना उत्पादन होता है?
भारत में एवाकाडो की टॉप फाइव किस्में इस प्रकार है खास लैम्प, लैम्पस सिंगलटन इटिंग व रीड हाउस व लेम खस। एवाकाडो की खेती आप भारत के उन राज्यों में कर सकते है, जहां पर तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहता है व जहां पर 35 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जाता है और 45 डिग्री सेल्सियस से कम रहता है।
उन राज्यों में आप सिंगलटन इटिंग व ब्रीड इन वेराइटी की खेती कर सकते हैं। अगर आपने डेढ़ साल पुरानी एवाकाडो के पौधे का पौधा रोपण किया है तो पौधा रोपण के तीसरे साल के बाद से आपको एवाकाडो की फसल से उत्पादन मिलने लग जाता है।
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