
Asian Games, जो कि चीन में आयोजित हो रहे हैं, वे एक महत्वपूर्ण खेल कार्यक्रम हैं और अक्टूबर में समाप्त हो जाएंगे। इस खेल के भाग में ई-स्पोर्ट्स की श्रेणी में विभिन्न खिलाड़ी भाग लेंगे, जो भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। गुड़गांव के निवासी, मयंक प्रजापति भी इसमें शामिल हैं, जो कि एक इंटीरियर डिज़ाइनर से ई-स्पोर्ट्स एथलीट बने हैं।
गुड़गांव के निवासी, मयंक प्रजापति, चीन में हो रहे एशियाई खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व करने का सौभाग्य पाएंगे। यह विशेष है कि वे एक ई-स्पोर्ट्स एथलीट के रूप में भाग लेंगे, जो कि एक नई श्रेणी है।
हालांकि, उनका यहाँ तक पहुँचने का सफर आसान नहीं था, क्योंकि उन्होंने अपनी यात्रा को एक फ्रीलांस इंटीरियर डिज़ाइनर के रूप में शुरू किया था, लेकिन अब वे एशियाई खेलों में भारत का गर्व कर रहे हैं।
कौन हैं मयंक प्रजापति
मयंक प्रजापति एक फ्रीलांस इंटीरियर डिज़ाइनर हैं और एक पेशेवर ई-स्पोर्ट्स स्ट्रीट फाइटर हैं। वे कंप्यूटर में वीडियो गेम में स्ट्रीट फाइटिंग करके अपने सामने वाले प्रतिद्वंदी को लहूलुहान कर देते हैं। वहीं, उनकी परिवार में उनकी पत्नी स्वेता हैं, जो कि अमेरिकन एक्सप्रेस में बिजनेस एनालिस्ट के तौर पर काम करती हैं।
ई-स्पोर्ट्स एथलिट के दल में शामिल
मयंक प्रजापति की खेल योग्यताओं को देखते हुए उन्हें इस बार ई-स्पोर्ट्स के 15 सदस्यी दल में शामिल किया गया है। ऐसे में वह सितंबर के अंत तक चीन के लिए उड़ान भरने वाले हैं।
ट्यूशन बोलकर गेमिंग जोन में बिताते थे 6-7 घंटे
मयंक ने इंडियन एक्सप्रेस के साक्षात्कार में बताया कि 90 के दशक में ज्यादातर घरों में गेमिंग कंसोल नहीं होते थे। ऐसे में वह घर से ट्यूशन की बोलकर गेमिंग जोन में 6 से 7 घंटे बिताते थे। यहाँ उन्हें अपने दोस्तों से पता चला कि स्ट्रीट फाइटर जैसा कोई गेम होता है। उस समय मारियो और टेकन जैसे वीडियो गेम्स खेले जाते थे।
पत्नी ने किया सहयोग
मयंक ने साक्षात्कार में बताया कि इस तरह के स्पोर्ट में आपको हाई स्पीड इंटरनेट, एक अच्छी गुणवत्ता वाला एडवांस कंप्यूटर और अन्य कंसोल की जरूरत होती है, जो कि बहुत महंगे होते हैं। हालांकि, उनकी पत्नी स्वेता ने उन्हें ये सभी चीजें लाकर दी।
2019 में जीते थे एक लाख रुपये
मयंक के अनुसार, साल 2019 में उन्होंने दिल्ली में ड्रीमहैक इवेंट में एक लाख रुपये की राशि जीती थी, जिसके बाद उनका परिवार खुशी से उछल पड़ा था। हालांकि, जब उन्होंने एशियाई खेलों में चयन हुआ, तो परिवार में खुशी की बातें बढ़ गई, लेकिन इसके साथ ही साथ चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा।
प्रैक्टिस के लिए नींद का त्याग
मयंक प्रजापति ने साक्षात्कार में बताया कि प्रैक्टिस सेशन के लिए उन्हें अलग से समय निकालना होता है। क्योंकि जब उनकी पत्नी काम कर रही होती हैं, तो उन्हें बच्चे की देखभाल करनी होती है। इस तरह, वे अपनी प्रैक्टिस के लिए अपनी नींद से भी समझौता करते हैं।
क्या होता है E-Sports
अब सवाल यह है कि ई-स्पोर्ट्स क्या होता है, तो आपको बता दें कि यह विद्वेषी स्पोर्ट होता है, जिसमें डिजिटल प्लेटफॉर्म पर खेलना होता है। इसके अंतर्गत विभिन्न वीडियो गेम्स होते हैं, और कई बार यहां मल्टीप्लेयर भी शामिल होते हैं। यह विभिन्न देशों में टूर्नामेंटों का आयोजन भी कराया जाता है।