
नमस्कार किसान भाइयों स्वागत है। आपका एक बार फिर से हमारे वेबसाइट पर। किसान भाइयो आज हम इस लेख में अश्वगंधा की खेती से जुडी सभी को जानेंगे। इस लेख में अश्वगंधा से जुडी किसान भाइयों के मन में जितने भी सवाल हैं उन सभी सवालों पर चर्चा करेंगे ताकि अगर आप अश्वगंधा की खेती शुरू करे तो आप के मन में जितनी भी दुविधा है वे सारी क्लियर हो जाए और आप बिना किसी संकोच के अश्वगंधा की खेती शुरू कर सके।
अश्वगंधा की खेती के लिए कौन सी मिट्टी सर्वोत्तम है?
अश्वगंधा की खेती आप सभी प्रकार के मिटटी में कर सकते है। पर अगर आपके खेत की मिट्टी बलुई दोमट और लाल मिटटी है तो यह अश्वगंधा की खेती के लिए सर्वोत्तम हैं। बात करे अगर मिटटी में मोजूद परसेंटेज ऑफ हाइड्रोजन की तो मिट्टी का पीएच मान 7 से 8 होना चाहिए।
अगर आपके खेत के मिटटी का पीएच मान 7 से 8 नहीं है तो इसका यह मतलब कतई नहीं है कि आप अश्वगंधा की खेती नही कर सकते है। आप अश्वगंधा की खेती कर सकते हैं, पर सिर्फ आप के उत्पादन पर थोडा असर होगा। खेत में मौजूद मिटटी की उपजाऊ क्षमता बढ़ाने के लिए आप देसी गोबर की खाद का छिड़काव करे।
अश्वगंधा की खेती भारत के कौन कौन से राज्यो में होती हैं?
अश्वगंधा की खेती राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के राज्यों में किसान भाई सफलता पूर्वक कर रहे है। अश्वगंधा की खेती के लिए हमें खेत की तैयारी उसी प्रकार से करना है जिस तरह से हम गेहूं की फसल के लिए खेत तैयार करते हैं। बात करें अगर इसके प्रमुख वेराइटी की तो अश्वगंधा की चार प्रमुख वेराइटी होती है।
अश्वगंधा की बुवाई का सही समय क्या है?
हम अश्वगंधा की खेती खरीफ और रबी दोनों ही सीजन में कर सकते हैं। खरीफ के सीजन में अश्वगंधा की खेती करने का सही समय अगस्त महीना है और रवि के सीजन में अक्टूबर व नवंबर महीने का समय सबसे उपयुक्त होता है। मध्यप्रदेश के किसान अक्टूबर व नवंबर में अश्वगंधा की खेती करते हैं। इसलिए मेरा आप लोगों को यही सलाह है कि आप अश्वगंधा की खेती अक्टूबर व नवंबर महीने में करें। यानी अश्वगंधा की खेती का सही समय अगस्त अक्टूबर व नवंबर महीने का सबसे उपयुक्त समय है।