
दलहनी कुल की फसलों में मुंग, उड़द, चना और अरहर की फसलें आती हैं। मुंग, उड़द और चना के फसलों का विश्लेषण हम जल्द इस वेबसाइट पर लाएंगे। आज हम इस लेख में एक और दलहनी कुल की फसल फसल अरहर की खेती का विश्लेषण करेंगे।
भारत में अरहर का 2.5 मेट्रिक का उत्पादन होता है, महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश राज्य, उत्पादन की दृष्टि से पहले दूसरे और तीसरे स्थान पर आते हैं। यानी कि महाराष्ट्र पहले नंबर पर आता है कर्नाटक दूसरे स्थान पर आता है और तीसरे स्थान पर उत्तर प्रदेश आता है।
1 एकड़ अरहर की खेती का संपूर्ण विश्लेषण हम इस लेख में 5 पॉइंट्स के आधार पर करेंगे। नंबर वन लागत नंबर दो उत्पादन नंबर तीन समय नंबर चार आमदनी और नंबर पाँच मुनाफा कितना हुआ। अब आते हमारे पहले पॉइंट लागत में।
एक एकड़ अरहर की खेती में कितनी लागत आती हैं?
एक एकड़ अरहर की खेती में बीज की मात्रा लगेगी छः से आठ किलो। व 1 किलो के बीज की कीमत ₹100 से लेकर ₹200 के बीच में आती है। इस तरह हमारा 1 एकड़ अरहर की खेती में बीच का खर्च आएगा 1600 रूपये।
बीज बुवाई के पहले के बीज का उपचार अवश्य करें, बीज उपचार का का खर्च आएगा ₹150, खेत का तैयारीका खर्च आएगा ₹4000, खरपतवार नाशक दवाई का हमारा खर्च आएगा ₹650, सड़ी हुई गोबर की खाद का खर्च आएगा ₹4000, रासायनिक खाद व हमारा उर्वरक का हमारा खर्च आएगा 2,225 रूपये।
अरहर की फसल में काफी ज्यादा रोगों व किटों का अटैक देखने को मिलता है। इन रोगों व किटों से बचाव के लिए हम हमारी फसल को बचाने के उपाय करते हैं जिसके लिए हम स्प्रे करते हैं जिसका हमारा खर्चा आएगा 1125 रूपये।
अरहर की फसल की हार्वेस्टिंग अगर आप हार्वेस्टर की सहायता से करते तो आप की लागत आएगी ₹1500 से लेकर ₹2000 तक। वही अगर फसल की कटाई मजदूर की सहायता से करते तो आपका खर्चा आएगा 3500₹ से लेकर 4000₹ यानी कि हार्वेस्टर से हमारे ₹2000 की बचत होगी।
हम इसी खर्च को लेते हैं तो हमारे छोटे-मोटे कामों के लिए हमारा लेबर का खर्च आएगा ₹2000 व खेत से मंडी तक जाने का खर्च आएगा ₹1000 पूरी तरह से निर्भर करता है यह इस बाट पर भी निर्भर करता हैं कि आपका खेत और मंडी का दुरी कितना है। इस तरह हमारा 1 एकड़ अरहर की खेती में कुल लागत आई 18750 रूपये।
अरहर की फसल में आपकी लागत 15000 से ₹20000 के बीच में ही रहेगी। अगर आपका खर्च इससे ज्यादा आ रही है तो आप अपने मिट्टी की जांच कराये, और उसके हिसाब से खाद व उर्वरक दे, या फिर आप काफी ज्यादा काम लेबर की की सहायता से करा रहे हैँ। इस कारन भी आपकी लागत अरहर की फसल में ज्यादा आ रही है। लागत के बाद आते हैं हम हमारे दूसरे पॉइंट के ऊपर उत्पादन पे।
एक एकड़ अरहर की खेती में कितना उत्पादन होता हैं?

अरहर की फसल में मिलने वाला उत्पादन, बीज की चुनाव, जलवायु, मिट्टी की उपजाऊ छमता और आपके फ़सल इटवा रोग मुक्त हैं या नहीं इसके ऊपर निर्भर करता है।
परंपरागत खेती करने वाले किसान भाई को एक एकड़ अरहर की खेती से 6 क्विंटल से लेकर 8 क्विंटल तक उत्पादन होता है। वहीं अगर आप सही किस्मो के बीजों का चुनाव करते हैँ तो व सही समय खाद और उव्रर्क ड़ालते हैं।
और आपने जैविक और रासायनिक दोनों तरह के खादों का उपयोग किया है व आपकी फ़सल कीटवा रोग मुक्त हैं और सही समय पर स्प्रे किया है तो एक एकड़ अरहर की खेती से 10 क्विंटल से लेकर 12 क्विंटल तक का उत्पादन देखने को मिलता है।
महारष्ट्र के किसान भाइयों का उत्पादन अरहर की खेती में निश्चित एक एकड़ से ज्यादा हो पर हम यहाँ पर पूरे भारत की बात कर रहे हैं। इसलिए हम पूरे भारत का एवरेज 11 क्विंटल तक लेते हैं। यानी कि एक एकड़ की खेती से हमारा उत्पादन हुआ 11 क्विंटल।
अरहर की फसल से अच्छा उत्पादन लेने के लिए आप की फसल रोग व किट मुक्त होना चाहिए। अरहर की फसल में सबसे ज्यादा अटैक फली छेदक इल्ली का देखने को मिलता है।
इस इल्ली का अटैक से अपनी फसल को बचाने के लिए प्रारंभिक अवस्था में आप Emamectin Benzoate 5% SG 8-10 ग्राम प्रति 15 लीटर पानी के साथ अपनी फ़सल पर स्प्रे कर दे।
अगर इल्ली का प्रभाव ज्यादा है तो आप Deltamethrin 11% EC 20 मिली लीटर प्रति 15 लीटर पानी के साथ छिड़काव कर दे।
अरहर की फसल में भूमि जनक रोग उगता रोग देखने को मिलता है। या फंगस जनित रोग इस अटैक से अपनी फसल को बचाने के लिए आप Carbendazim 12%, Mancozeb 63%, 500 gram प्रति 200 लीटर पानी के साथ जड़ के पास छिड़काव कर दे।
साथ ही आप फसल चक्रन जरूर अपनाये यानी की जिस खेत में आपको पहली बार युकता रोग की समस्या देखने को मिलती है उस खेत में आप 3 सालों तक अरहर की फसल न लगाए। इसके साथ ही आप रोग रोधी किस्म का भी चुनाव करें जो कि इस रोग के प्रति प्रतिरोधिक ढूंढ ले। लागत, उत्पादन के बाद आते हैँ हम हमारे तीसरे पॉइंट समय पर।
अरहर की खेती का सही समय क्या है व अरहर की फ़सल की समय साईकिल क्या है?
भारत में अरहर की खेती खरीफ के सीजन में जून और जुलाई में होती है। अलवर की बुवाई का समय इस बाट निर्भर करता है कि आपके एरिया मानसून किस समय पर दस्तक देता है। वैसे अरहर का बीज बुवाई का सबसे उपयुक्त समय जून का अंतिम सप्ताह से लेकर जुलाई का पहला सप्ताह इस बीच पर आप अरहर के बीज की बुवाई कर सकते हैं।
वही अरहर की खेती की समय साईकिल पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करती है की आपने किस किस्म की बीज का चुनाव किया है। वैसे अरहर की ज्यादातर किस्मे 150 से 180 दिन में तैयार हो जाती है। यानी की अरहर की खेती किस समय साईकिल 6 महीने तक की होती है। लागत, उत्पादन, समय के बाद हम आते हैं हमारे चौथे पॉइंट आमदनी के ऊपर।
एक एकड़ अरहर की खेती से कितनी आमदनी होती है?
भारत सरकार ने अरहर की एम एस पी यानी मिनिमम सपोर्ट प्राइस 2022 में ₹6300 पर कुंटल रखा था, और 2023 में 300₹ बढ़ा कर ₹6600 पर क्विंटल रखा। पर कई किसान भाइयों को एम एस पी से भी नीचे भाव मिलता है।
पिछले साल मध्य प्रदेश अरहर का का औसत मंडी थोक भाव ₹6000 मिला था। हम उसी अनुसार अपना हिसाब लगायेंगे, तो हमारा उत्पादन हुआ था 11 क्विंटल, व एक क्विंटल का हमने मंडी ठोक भाव लिया है ₹6,000 तो फिर उस हिसाब से 11 क्विंटल का दाम हो जाएगा 11 x ₹6,000 = 66,000 रूपये। यानी की एक एकड़ अरहर की खेती से हमारी आमदनी होगी 66,000 रूपये।
अगर आपको अरहर का एमएसपी का भाव मिलता यानी कि ₹6600 पर क्विंटल तो उस हिसाब से आपको एक एकड़ अरहर की खेती से तक़रीबन 72,600 रूपये की आमदनी होगी। इस तरह अरहर की खेती में होने वाली आमदनी इस बात पर निर्भर करती है कि आपको मंडी में क्या भाव मिलता है। इसलिए आप अपने एरिया की मंडी में जाकर पूछ सकते हैँ कि अरहर का अभी मंडी का भाव क्या चल रहा है।
एक एकड़ अरहर की खेती से कितना प्रॉफिट होता है?

लागत, उत्पादन, समय, आमदनी के बाद आते हमारे पाँचमे पॉइंट की प्रॉफिट कितना हुआ। प्रॉफिट निकालने के लिए हम सिंपल कुल आमदनी में से लागत को घटा देंगे। तो जो आकड़ा हमें मिलेगा वाह हमारा प्रॉफिट रहेगा। यानी की ₹66,000 – ₹18,750 = ₹ 47,250 प्रॉफिट होगा।
यानी की आपको 6 महीने के हिसाब से प्रति महीने का प्रॉफिट भी 7041 रूपये। हालांकि कुछ देसी किस्मे भी आती है जो की बहुवर्षी होती है। यानी कि अगर एक बार आप इन किस्मो के के बीजों को लगाते तो आप 5 सालों तक इन किस्मो से उत्पादन ले सकते है, वो भी साल में दो बार।
अरहर की खेती से सम्बंधित अगर आपके पास कोई भी सवाल हो तो आप हमें कमेंट कर के जरूर बताये। हम हार कमेंट का जवाब देते हैँ। साथ ही अगर आप अरहर की खेती करते हैँ तो आप अपने अरहर की खेती के अनुभव को हमारे साथ जरूर शेयर करें। हमारा यह लेख पढ़ने के लिए आपका बहुत – बहुत धन्यवाद दोस्तों।