
नमस्कार किसान भाइयों स्वागत है आपका हमारे वेबसाइट पर। आज हम इस लेख के माध्यम से जानेंगे कि अनार की खेती कैसे की जाती है और अनार की खेती करते समय हमें किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। और एक महत्वपूर्ण बात हम अनार की खेती से एक या दो साल नहीं बल्कि 25 सालों तक खेती ले सकते हैं और बिल्कुल कम मेहनत से लाखों का सफर आसानी से तय कर सकते हैं।
अनार की खेती के लिए मिट्टी कैसी होनी चाहिए?
अनार की खेती सभी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है लेकिन अच्छे जल निकास वाली रेतीली दोमट मिट्टी अनार की खेती के लिए सबसे सही मानी जाती है। मैं आपको बता दूं कि अनार के पौधे में लवण और क्षारीयता सहन करने की क्षमता प्राप्त होती है तथा अनार के पौधे को 6.5 से लेकर 07 तक पीएच मान वाली मिट्टी में भी उगाया जा सकता है।
अनार की खेती के लिए जलवायु कैसी होनी चाहिए?
अनार को उधर शुष्क जलवायु में अच्छी तरह उगाया जा सकता है। फलों की वृद्धि और पकने के लिए 35 डिग्री सेल्सियस से 40 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान उपयुक्त माना जाता है। 10 डिग्री सेल्सियस से कम का तापमान पौधों के विकास पर बुरा प्रभाव डालता है। उच्च तापमान पर फलों की गुणवत्ता व स्वाद अच्छा हो जाता है।
अनार की खेती शुरू करने का सही समय क्या है?
अब हम देखते हैं अनार की खेती शुरू करने का सही समय क्या है। अनार की खेती के लिए फरवरी, मार्च या अगस्त के महीने में भी इसे शुरू कर सकते हैं। रोपाई के 3 से 4 वर्ष के बाद आप पेड़ से फल ले सकते हैं। अब बात करते हैं अनार की अलग अलग किस्में। भारत में अनार की बहुत सारी किस्में पाई जाती हैं जैसे रूबी, मृदुला, हरिता कंधारी, ज्योति पेपर, सिल ढोकला, जोला, बेदाना और भगवान गणेश का उपयोग अधिक होता है।
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