कीजिये अदरक की खेती और कमाइए लाखो रुपया, जानिये सम्पूर्ण तरीका।

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दोस्तो, आपने जीन यानी अदरक कभी न कभी तो खाया ही होगा। खाने में डालकर या फिर अपनी सुबह की चाय में। अदरक के बिना चाय में वह मजा नहीं रहता। अदरक सेहत के लिए बहुत ही अच्छा माना जाता है। पर दोस्तों आपने कभी यह सोचा है कि अदरक की खेती कैसे होती है? अदरक की खेती में कितना समय लगता है? नहीं ना। तो आज के इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि अदरक की खेती कैसे की जाती है।  

अदरक की खेती के लिए किस प्रकार की मिटटी की आवश्यकता होती है?

दोस्तों अदरक को उगाने के लिए आपको कुछ चीजों को ध्यान में रखना पड़ता है जैसे मौसम और मिटटी पर खास ध्यान देना पड़ता है। अदरक को उगाने के लिए गर्मियों का मौसम और हल्की फुल्की बारिश चाहिए होती है जिसकी मदद से अदरक आराम से उग जाए। उसी के साथ साथ अगर चिकनी मिट्टी हो या फिर लाल मिट्टी हो तो अदरक अच्छे से उगती है। अदरक को उगाने से पहले अच्छे से खेत की खुदाई की जाती है जिससे कि सॉयल अच्छी रहे। 

अदरक की खेती में कितना बिज का मात्र लगता है?

उसी के साथ अगर कहीं डिजीज होने की संभावना होती है तो उस जगह को किसी पॉलिथीन की शीट से ढक दिया जाता है और 40 दिनों के लिए धूप में ही छोड़ दिया जाता है। प्लांटिंग झंझट अदरक को उगाने से पहले उस खेत पर नीम का पाउडर डाला जाता है जिसको मिट्टी के साथ अच्छे से मिक्स करते हैं। अदरक के बीज को छोटे छोटे पीसेस में काटा जाता है। हर एक पीस की लंबाई क़रीब ढाई सेंटीमीटर से पाँच सेंटीमीटर तक होती है और एक बीज का वजन 20 से 25 किलो का होता है। हर बीज का रेट अलग अलग होता है। 

अदरक की खेती में बिज का दाम क्या होता है?

जैसे कि जो बीज केरला में पाए जाते हैं उनका दाम 1500 रुपया से 1800 रुपया किलोग्राम प्रति हेक्टेयर होता है। हालांकि कुछ जगहों पर इसका रेट ज़्यादा भी होता है। इन बीजों को 20 से 25 सेंटीमीटर की दूरी पर लगाया जाता है। उसके बाद इस पर खाद डाल दी जाती है ताकि अदरक अच्छे से हो गए। दोस्तों अदरक के भी कई प्रकार होते हैं जैसे की कॉमन जिंजर इसको इंडियन जिंजर या फिर चाइनीज जिंजर के नाम से भी जाना जाता है। यह अदरक का ऐसा प्रकार है जो कि बहुत सारी चीजों में इस्तेमाल होता है जैसे की सूप और करी आदि। नॉर्थ अमेरिका में इसका इस्तेमाल कॉफी में किया जाता है। यह सर्दी खांसी को ठीक करने में भी काम आता है।

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