आलू की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी व बुवाई का सही समय क्या है? 

दोस्तों आलू एक ऐसा सब्जी है जो हर घर में बनते हैं। आलू ऐसी सब्जी है जो कई तरह के खाने में इस्तेमाल होता है। दोस्तों आप आलू की खेती कर के आप हर महीने अच्छा – खासा मुनाफा कमा सकते हैं। इसलिए आज के इस लेख में हम आपको आलू की खेती के बारे में सम्पूर्ण जानकारी बताने वाले हैं। 

आलू की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी व बुवाई का सही समय क्या है? 

दोस्तों आप आलू की खेती सभी तरह की मिट्टी में कर सकते हैं। पर अगर आपके खेत की मिट्टी बलुई दोमट या फिर रेतीली मिटटी में करते है तो यह आलू की खेती के लिए और भी उपयुक्त है। यानि कि आप आलू की खेती सभी तरह की मिट्टी में कर सकते हैं व बलुई दोमट और रेतीली दोमट में आलू का उत्पादन अन्य मिट्टियों की तुलना में ज्यादा होता है। अच्छा उत्पादन लेने के लिए आप बुवाई के पहले देसी गोबर की खाद का छिड़काव कर दें। 

आलू की बुवाई का सही समय क्या। है? 

आलू की खेती पूरे भारत के किसान भाई सफलता पूर्वक करते हैं। सिर्फ दो राज्य तमिलनाडु और केरल को छोड़ कर पूरे भारत में आलू की खेती होती। है। दोस्तों रवि के सीजन में आलू की बुवाई का सही समय 15 सितंबर से नवम्बर महीना तक है। व भारत के कुछ राज्यों में खरीफ के सीजन में भी आलू की खेती होती है, जिसका सही समय ये जून है। लेकिन ज्यादातर आलू की खेती रवि के सीजन में ही होती है। 

एक एकड़ आलू की खेती में कितनी लागत आती है?

एक एकड़ आलू की खेती में बीज की मात्रा लगती है 12 क्विंटल। अब यह आकड़ा पूरी तरह से निर्भर करता है कि हमारे आलू का वेट कितना है, उसकी साइज कितनी है। लाईन से लाईन की दूरी कितनी है व बीज से बीज की दूरी हमने क्या रखी है। दोस्तों हम आपको बता दें की आलू की खेती से  उत्तर प्रदेश में एक एकड़ से एवरेज उत्पादन 130 क्विंटल बड़ी आसानी से मिल जाता है। इसलिए हम कम से कम एक एकड़ आलू की खेती से 120 क्विंटल का उत्पादन देखने को मिलता है। 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top