
सब्जी वर्गी फसलों की खेती करने वाले किसान भाइयों के लिए बेल वर्गीय फसलें जैसे गिलकी, करेला, लोकी, ककड़ी और खीरा आय का एक बड़ा स्त्रोत है। लेकिन इन बेल वर्गीय फसलों का भाव मंडी में कभी ज्यादा तो कभी कम मिलता है। क्योंकि किसान भाई का मंडी में मिलने वाले भाव पर कोई भी कंट्रोल नहीं और आपके हाथ में इन बेल वर्गीय फसलों से मिलने वाले उत्पादन पर पूरा कंट्रोल है।
3 जी कटिंग से खेती में क्या फायदे हैं?
मैं आपको इस लेख में खेती की एक ऐसी तकनीक बताऊंगा जिसके माध्यम से आप बेल वर्गीय फसलों से मिलने वाले उत्पादन दो नहीं, तीन नहीं चार बल्कि 14 गुना तक बढ़ा सकते हैं। अब यह तकनीक क्या है जानेंगे इस लेख में आगे। नमस्कार किसान भाई स्वागत करता हूँ आपका एक बार फिर से हमारे वेबसाइट पर। आज के इस लेख हम यह बताएँगे की किसान भाइयो 3G कटिंग के माध्यम से आप बेल वर्गीय फसलों से मिलने वाले उत्पादन को 14 गुना तक बढ़ा सकते हैं।
3 जी कटिंग से उत्पादन कितना ज्यादा बढ़ जाता है?
यानि की अगर आपको गिलकी, करेला, कद्दू और अन्य बेल वर्गीय फसलों की एक पौधे से एक किलो तक उत्पादन मिलता है तो आप उसे एक पौधे से 14 किलो तक उत्पादन ले सकते हैं। अब सवाल आता है कि थ्री जी कटिंग क्या है और किस तरह से श्रीजी कटिंग के माध्यम से हमारे उत्पादन की बढ़ोतरी होती है और थ्री जी कटिंग को किस तरह से करते है आइये इस चीज़ को जानते हैं।
3 जी कटिंग क्या है?
दोस्तों आम तौर पर बेल वर्गीय पौधें में जैसे कद्दू, करेला, लौकी इत्यादि में सब्जियों की उत्पादन ब्रांच की मदद से मिलती है। इसमें पहला ब्रांच निकलता है और फिर सब्जी का उत्पादन होता है, फिर एक और ब्रांच निकलती है और उस ब्रांच से भी सब्जी का उत्पादन होता है, ऐसे में हम एक कटर की मदद से नए – नए ब्रांच बनाकर और भी बहुत ज्यादा उत्पादन लेकर अपने उत्पादन को 14 गुना तक बढ़ा सकते हैं।
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