
दोस्तों खाने में कई तरह के मसालों का प्रयोग होता है और अगर ये मसाले खाने में न हों तो मजा नहीं रहता। खाने में कई तरह के मसाले डाले जाते हैं। गरम मसाला, नमक, जीरा, हल्दी आदि। और अगर खाने में हल्दी न हो यानी की टर्नर ना हो तो खाने में वह स्वाद नहीं रहता। भारत एक ऐसा देश है जहां पर बहुत से मसाले पाए जाते हैं और दुनिया भर में दूसरे देशों में भी इसे भेजा जाता है।
भारत अपने मसालों के लिए बहुत ही मशहूर है। यहां आपको 100 से भी ज्यादा मसाले देखने को मिल जाते हैं। तो दोस्तों आज इस लेख में हम जानेंगे कि हल्दी है क्या और वह कैसे बनती है उसकी खेती के बारे में जानेंगे और उसके खाने के फायदों के बारे में भी। तो दोस्तों इस लेख को लास्ट तक ज़रूर पढियेगा।
हल्दी की खेती से जुडी महत्वपूर्ण बातें।
टर्मेरिक यानि हल्दी एक तरह का ऐसा मसाला है जो कि टर्म प्लांट से आता है और यह ज़्यादातर एशियन खानों में ही पाया जाता है। ज़्यादातर खाने में हल्दी का होना ज़रूरी होता है और हमें इस तरह से आदत हो गई है। हल्दी खाने के साथ साथ दवाइयों में भी प्रयोग की जाती है। हल्दी में पाया जाने वाला कुरकुमिन सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है जो कि आपके शरीर में सूजन को कम करने में मदद करता है। उसी के साथ साथ इसके बहुत सारे फायदे हैं जोकि हम बाद में जानेंगे।
हल्दी की खेती कैसे करें, जानिये तरीके?
जैसे बाकी फसलों की खेती करने से पहले कुछ चीजों का ध्यान रखना होता है वैसे ही हल्दी की खेती करने से पहले भी कुछ चीजों का ध्यान रखना पड़ता है जिससे फसल अच्छी हो गई। सबसे पहले ऐसे प्लांट को लाया जाता है जो कि डिजीज फ्री हो और आगे चलकर उनमें कोई दिक्कत न आए। ऐसे प्लांट को लाया जाता है और उन्हें लगा दिया जाता है। एक रो में हाथों से छोटे छोटे गड्ढे बनाए जाते हैं और उनको हाथ से कवर कर दिया जाए। जब ये गड्ढे बनाए जाते हैं तो यह ध्यान रखा जाता है कि हर गड्ढे के बीच में क़रीब 25 सेंटीमीटर का फासला हो।
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